2019 में बढ़ेगी ग्रोथ रेट एसेट म्यूचुअल फंड के CIO विराल बेरावाला का कहना है कि इंडस्ट्री में sip के जरिए निवेश लगातार बढ़ रहा है। रिटेल इन्वेस्टर्स की संख्या भी बढ़ी है। जियोग्रॉफिकल पेनीट्रेशन और तकनीकी के बढ़ती भूमिका की वजह से भी इंडस्ट्री की ग्रोथ बढ़ रही है। मनीष मेहता का कहना है कि म्यूचुअल फंड को लेकर लोग पहले से ज्यादा जागरूक हुए हैं। वहीं, बेहतर रेग्युलेटरी नियमों और एसोसिएशन आॅफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा प्रमोशन कैंपेन से भी 2019 में इंडस्ट्री में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है।
दिसंबर तक आ सकती है कमी हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि दिसंबर माह का पूरा डाटा आने तक Aum में हल्की कमी दिख सकती है। इस तिमाही लिक्विड फंड में कमी ओन से डाटा प्रभावित हो सकता है। कोटक महिंद्रा एसेट मैनजमेंट कंपनी के नेशनल हेड (Sales and Distribution Alliances) मनीष मेहता का कहना है कि दिसंबर के अंत तक इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट घटकर 23 से 23.5 लाख करोड़ रह सकता है।
पिछले साल बाजार में हावी रहे कई फैक्टर एसोसिएशन आॅफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के अनुसार इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट इस साल नवंबर के अंत तक सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। दिसंबर 2017 के अंत तक इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 21.26 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, इस दौरान नए निवेशकों की संख्या भी 1.3 करोड़ बढ़ी है। क्वांटम एसेट अंडर मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ जिमी पटेल का कहना है कि पिछले साल बाजार में कई फैक्टर हावी रहे, मसलन क्रूड की कीमतें, रुपये में कमजोरी और शेयर बाजार में वोलेटिलिटी। इसके बाद भी SIP में कमी नहीं आई।