संदीप निवासी जाफरपुर तितावी, आरिफ विलासपुर मुजफफरनगर, भूमेष तायल थानाभवन, गुलफाम भैसानी, गययूर निरधना मुजफफरनगर, विवेक गुप्ता देवबंद, जाहिद नई मंडी मुजफफरनगर, जमील तितावी, मेहरूदीन सरवट मुजफफरनगर, वसीम सुजडू, दिलशाद नई मंडी मुजफफरनगर, मोंटी मुजफफरनगर, प्रमोद सहारनपुर, सगीर अहमद सुजडू, इंतजार सहारनपुर, आजाद देवबंद, दिलशाद मसावी, ताज मौहम्मद बुढाना, नौशाद सहारनपुर, बिजेंद्र तितावी, शमशेर चरथावल, नौशाद मुजफफरनगर, मौहम्मद नफीस देवबंद, इमरान देवबंद, दिनेश हविलायत थानाभवन, सूफीयान देवबंद, सचिन मुजफफरनगर।
सूत्रों की मानें तो इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार के नेतृत्व में पिछले कई दिनों से चल रही थी। यहां तक कि जांच के लिए दो दिन पहले एसओजी के दो सिपाही भाजपा नेता के घर में भी जांच करने के लिए पहुंच गए थे। इसके बाद जब पुलिस ने रविवार को छापा मारा तो स्थानीय पुलिस को सूचना ही नहीं दी। इतना ही नहीं, एसओजी ने स्थानीय पुलिस के बडे अधिकारी को भी जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। छापा मारने के बाद पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे।
भाजपा नेता के घर पर जुआ खेलने का मामला कस्बे में आग की तरह फैल गया। महज 15 मिनट के बाद ही भाजपा नेता के घर के सामने सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। साथ देर रात तक कस्बे के हर चौराहे पर यह मामला चर्चा का विषय बना रहा।
मामला सामने आते ही पुलिस से सांठगांठ कर चहेतों को छुडवाने का खेल चलता रहा। सूत्रों की मानें तो देर रात पुलिस ने इनमें दो नामों को हटाया गया। यही नहीं, जिन दो लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनमें से एक इस गोरखधंधे का सूत्रधार है और व्यक्ति ने पूरे कस्बे में यह जाल बिछाया है।
इस पूरे मामले में भाजपा नेता नरेंद्र सैनी ने कहा कि मैं एक परिचित की तेहरवीं में शामिल होने के लिए नौजल गांव गया था। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उक्त लोग मेरे घर में कब और कैसे पहुंचे। मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास है।