दरअसल मामला थाना बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र में बने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बुढ़ाना का है। जहां अचानक दर्जनों छात्राओं की वायरल बुखार के आने से तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद विद्यालय के स्टाफ में हड़कंप मच गया और आनन फानन में सभी बीमार छात्राओं को इलाज के लिए सीएचसी बुढ़ाना ले जाया गया। जहां सीएचसी बुढ़ाना में चिकित्साकर्मियों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद 8 छात्राओं की हालत को गंभीर मानते हुए उन्हें मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। जिला चिकित्सालय में विद्यालय की वार्डन इन छात्राओं को लेकर पहुंची तो जिला चिकित्सालय के रूम नंबर 4 में बैठी महिला चिकित्सक ने उन सभी छात्राओं के अंदर आ जाने से नाराज हो गई और सभी छात्राओं को बाहर जाकर पर्ची बनवाकर आने के लिए कहा।
जिसके बाद महिला चिकित्सक ने वहां मौजूद अन्य लोगों पर भी अपना गुस्सा निकाला। उसके बाद लगभग आधा घंटा तक बीमार छात्राओं को जिला चिकित्सालय में जमीन पर ही बैठने को मजबूर होना पड़ा। वहीं लगभग घंटाभर बाद जाकर डॉक्टरों ने बीमार बच्चों का चेकअप किया। आपको बता दें कि इस समय जिला चिकित्सालय विवादों में चल रहा है। एक आंदोलनकारी से रिश्वत मांगने का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि एक बाए फिर से इलाज के लिए आए बच्चों के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आ गया है।