दरअसल मामला बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गांव जौला का है, जहां 1 सप्ताह पूर्व एक व्यक्ति ने अपने वृद्ध पिता को बहला-फुसलाकर उसकी 60 बीघा जमीन बुढ़ाना तहसील में जाकर वसीयत अपने नाम करा ली थी, जिसके चलते वृद्ध की विधवा पुत्रवधू व उसके बच्चे बेसहारा हो गए थे। वृद्ध के 2 पुत्र थे जिनमें 1 पुत्र की 6 वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी। वृद्ध के मृतक पुत्र के 4 पुत्रियां व 1 पुत्र है। वसीयत की जानकारी ग्रामीणों द्वारा मिलने पर पीड़ित परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई।
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फिर विधवा महिला ने इसकी जानकारी गांव के मौजिज लोगों को देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई। विधवा महिला के कहने पर गांव जौला में पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें पंचों ने ग्रामीणों के बीच ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धोखाधड़ी से अपने वृद्ध पिता से वसीयत कराने वाले व्यक्ति को नसीहत देते हुए जमीन की वसीयत तुड़वाकर नई वसीयत बनाने का निर्णय लिया। जिसमें वृद्ध की पुत्रवधू व उसके पुत्र के नाम आधी जमीन की वसीयत करने को कहा गया है।