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मुजफ्फरनगर

3 बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद अटकलों का बाजर गर्म, कहीं खालिस्तान के निशाने पर तो नहीं जांबाज शहजाद!

पुलिस ने बीती रात तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लूटा गया सरकारी असलाह बरामद कर लिया था।

मुजफ्फरनगरOct 15, 2018 / 08:09 pm

Rahul Chauhan

shahzad

3 बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद अटकलों का बाजर गर्म, कहीं खालिस्तान के निशाने पर तो नहीं जांबाज शहजाद!

शामली: झिंझाना में पुलिस पिकेट पर हमला कर सरकारी इंसास राइफल लूटने के प्रकरण में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किए गए तीनों लुटेरे पंजाब के आतंकी संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के गुर्गे बताए जा रहे हैं। आतंकियों ने पूछताछ में भले जो कुछ उगला हो, लेकिन हकीकत यह भी है कि उप्र पुलिस के जिस जांबाज शहजाद अली ने कैराना में पोस्टिंग के दौरान पंजाब की हाई सिक्योरिटी जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड खूंखार आतंकी परमिंदर उर्फ पेंदा को धरदबोचा था, उसकी पोस्टिंग भी वर्तमान में झिंझाना में ही चल रही है। पेंदा ने खालिस्तान के प्रमुख सहित छह आतंकियों को छुड़ाया था। अब चर्चा यह है कि कहीं खालिस्तान के निशाने पर शहजाद तो नहीं! बाकी राजफाश एटीएस की जांच में हो सकता है।
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नाभा जेल पर हमला कर कैराना पहुंचा था परमिंदर उर्फ पेंदा
27 नवंबर 2016 को आतंकी परमिंदर उर्फ पेंदा ने पंजाब की हाई सिक्योरिटी जेल नाभा पर हमला कर आतंकी संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के प्रमख हरमिंदर सिंह उर्फ मिंटू सहित दो आतंकियों व अन्य चार कैदियों को छुड़ा लिया था। इसके बाद जब पेंदा तमाम नाकाबंदी तोड़ते हुए पानीपत-खटीमा राजमार्ग से कैराना शहर के बीच से होकर गुजर रहा था, तब उप्र पुलिस के जांबाज कोतवाली में तैनात शहजाद अली और दीपांशु त्यागी ने लंबी दौड़ लगाकर उसे धरदबोच लिया था। उस समय पेंदा की फॉर्च्यूनर गाड़ी से पुलिस को भारी मात्रा में आधुनिक हथियार मिले थे। तभी से दोनों सिपाहियों को उनकी बहादुरी से भी जाना जाने लगा। यह कैराना पुलिस का दुर्भाग्य रहा कि सवा वर्ष पूर्व दीपांशु त्यागी की सड़क हादसे में दुःखद मौत हो गई। फिर, कुछ दिनों बाद जांबाज सिपाही शहजाद अली को झिंझाना थाने में तबादला कर दिया गया।
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सोमवार को एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने गत 2 अक्टूबर को झिंझाना-चौसाना मार्ग पर गांव कमालपुर के निकट पुलिस पिकेट पर हमला कर लूटे गए इंसास व राइफल का खुलासा किया। पुलिस ने बीती रात तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लूटा गया सरकारी असलाह बरामद कर लिया था। तीनों आरोपी करम सिंह पुत्र गुरचरण निवासी ग्राम रंगाना फार्म थाना झिंझाना जनपद शामली, गुरूजेंट उर्फ जिंटा पुत्र कुलवंत निवासी ग्राम धलावली थाना गंगोह जनपद सहारनपुर तथा अमरीत उर्फ अमृत पुत्र पाला सिंह निवासी सैक्टर नं-6, गली-2 मोहल्ला विकासनगर करनाल सिटी जनपद करनाल हरियाणा उक्त आतंकी संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के ही गुर्गे बताए जा रहे हैं। अभी तक पूछताछ में आतंकियों ने सरकारी असलाह लूटने के पीछे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सभा पर अटैक कर अशांति फैलाने की योजना बताई।
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लेकिन, आंतकी संगठन ने असलाह लूट की इस वारदात को झिंझाना इलाके में ही क्यों अंजाम दिया, इसके पीछे ही तस्वीर अभी साफ नहीं हो सकी। चूंकि परमिंदर उर्फ पेंदा भी खालिस्तान लिब्रेशन से जुड़ा है और उसे वर्तमान में झिंझाना में तैनात शहजाद अली ने बहादुरी का परिचय देते हुए गिरफ्तार किया था, तो कहीं शहजाद के लिए तो कोई साजिश नहीं थी ? आतंकी पेंदा को दबोचने वाले इस जांबाज का नाम उप्र पुलिस में सीना चौड़ा करके लिया जाता रहा है और वह अपनी बहादुरी पर कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं। बहरहाल, एडीजी प्रशांत कुमार ने एटीएस को पूरे प्रकरण की जांच सौंपने की बात कही है, इसके बाद और भी कोई चौकाने वाला खुलासा हो सकता है।

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