एडीजी राजीव सब्बरवाल ने डीआईजी प्रीतिंदर सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव से महिला किसानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। शासन स्तर से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी प्रकार की कोई चूक महिला किसानों की सुरक्षा को लेकर नहीं होनी चाहिए। पुलिस और प्रशासन ने महापंचायत की आयोजक भाकियू के नेताओं से साफ कह दिया है कि जिन स्थानों पर महिला किसान ठहरेंगी। उनमें केवल एक ही स्थान से एंट्री होनी चाहिए। महिला किसान जहां ठहरेगी वहीं पर उनके भोजन की व्यवस्था हो। रात में महिला सुरक्षा कर्मियों की देखरेख में महिला किसान रहेंगी।
महिला किसानों के लिए बनाए जाएंगे आगे बैठने के लिए ब्लाॅक ठहरने के स्थान से पंचायत स्थल तक महिला किसान पुलिस की सुरक्षा में जाएगी। पंडाल में महिला किसानों के बैठने के लिए दो ब्लाक सबसे आगे अलग से बनाए गए हैं। भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि महापंचायत में देश भर से हजारों की संख्या में महिला किसानों के आने का अनुमान है।
किसान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नहीं करना चाहते कोई चूक महिला किसानों के ठहरने के लिए बरातघर और बैंक्वेट हॉल में अलग से व्यवव्था की गई है। प्रशासन का कहना है कि महिला किसानों की सुरक्षा में अलग से महिला पुलिस लगाई जा रही है। बता दे कि दो अक्तूबर 1994 को जनपद के रामपुर तिराहे पर महिलाओं के साथ हुई बर्बरता को अफसर भूल नहीं पा रहे हैं। अपने अधीनस्थ अफसरों से साफ कह रहे हैं कि किसान महिलाओं को लेकर कोई भी चूक नहीं होनी चाहिए। एक छोटी सी घटना पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर देती है।