scriptBIHAR:’हीट स्ट्रॉक’ और ‘चमकी बुखार’ के कहर के बीच डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई परेशानी, अब तक इतने लोगों की मौत | 189 in died due to chamki bukhar and 118 from hot stroke in bihar | Patrika News
मुजफ्फरपुर

BIHAR:’हीट स्ट्रॉक’ और ‘चमकी बुखार’ के कहर के बीच डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई परेशानी, अब तक इतने लोगों की मौत

West Bengal Doctors strike effect in india…पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के बाद हड़ताल पर गए डॉक्टरों से चिकित्सा व्यवस्था ठप पड़ गई है…
 
 

मुजफ्फरपुरJun 17, 2019 / 07:59 pm

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BIHAR:’हीट स्ट्रॉक’ और ‘चमकी बुखार’ के कहर के बीच डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई परेशानी, अब तक इतने लोगों की मौत

(मुजफ्फरपुर): हीट स्ट्रोक ( Heat stroke ) और एईएस ( Japanese encephalitis ) के जारी कहर के बीच डॉक्टरों की हड़ताल ( Doctor’s strike ) ने बिहार को दहला दिया है। तपिश और गर्मी से तबाही के चलते गया में धारा 144 लगा दी गई है। पिछले दो दिनों में कर्क रेखा ( Tropic of Cancer ) के करीब से गुजरने वाले गर्म इलाकों मध्य बिहार के गया, औरंगाबाद और नवादा में हीट स्ट्रॉक से मरने वालों की संख्या दो सौ के करीब पहुंच गई है। सबसे अधिक गर्मी औरंगाबाद ( Aurangabad ) में पड़ रही। तबाही का आलम भी सर्वाधिक यहीं है। अकेले यहीं दो दिनों में 118 लोगों की मौत का आंकड़ा पहुंच गया। आज भी अस्पताल पहुंचने का सिलसिला थमा नहीं।


इधर गया ( Gaya ) में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने सुबह 10.30 बजे के बाद शाम चार बजे तक घर से बाहर नहीं निकलने के आदेश जारी करते हुए धारा 144 लगा दी। इसके तहत कोई भी इस दौरान काम के लिए बाहर नहीं निकलेगा। साथ ही मनरेगा आदि के काम भी सुबह तक ही होंगे। जिला प्रशासन के आदेश के बाद शहर और आसपास के क्षेत्रों में लोग चौकस भी हुए हैं। गर्मी के चलते गया के साथ नवादा और मुंगेर में भी हालत खराब हो गई है। मुंगेर में डायरिया से पांच लोगों की मौत हो गई।

 

इस बीच पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ( Doctors strike in West Bengal ) की पिटाई के बाद हड़ताल पर गए डॉक्टरों से चिकित्सा व्यवस्था ठप पड़ गई है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ( Patna Medical College Hospital ) में सुबह से ही ओपीडी, समेत सभी काउंटर ठप रहे और मरीजों का बुरा हाल रहा। एईएस पीड़ित बच्चों का पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचना भी शुरु हो गया है।

 

उधर मुजफ्फरपुर ( Muzaffarpur ) श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल, केजरीवाल और सदर अस्पताल में एईएस पीड़ित बच्चों के हालत बिगड़ने व मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानी कम करने के लिए अलग व्यवस्था तो की गई है पर उसका व्यापक असर नहीं देखा जा रहा। आज और पांच बच्चे भर्ती किए गये। इनमें दो की हालत गंभीर बताई गई। जापानी इंसेफ्लाइटिस/एईएस से अब तक 189 बच्चों की जान जा चुकी है जबकि दो सौ बच्चे अभी भर्ती हैं।

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