मंजू वर्मा ने भी यह स्वीकार किया कि उनके पति फोन पर बात करते तो थे पर उन्हें तब यह नहीं मालूम था कि ब्रजेश ठाकुर से ही बात हो रही है और वह ऐसे चरित्र का आदमी है। चंद्रेश्वर वर्मा के कॉल डिटेल से पता चला है कि वह पिछले दिनों उन्नीस बार उससे बात कर चुके है। यह बातचीत जनवरी से मई के बीच हुई। वह इस दर्मियान नौ बार उस इलाके में जाते भी रहे। उनके मोबाइल का लोकेशन ब्रजेश के घर के आसपास का पाया गया। वह कई बार बालिका गृह में भी गये जहां यह महापाप होता रहा है।
मंजू वर्मा के इस्तीफे का विपक्ष लगातार दबाव बनाए हुए था। लेकिन सरकार खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनका बचाव करते रहे। सोमवार को भी उन्होंने मीडिया को कहा था कि दोषी पाए जाने पर मंत्री को भी पद छोड़ना पड़ेगा। मंजू वर्मा के पति को लेकर सवाल पूछे जाने पर सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों पर भी हमला कर दिया था। वह इस्तीफे और संलिप्तता की बात आते ही तिलमिला उठती थीं।
मंत्री ने ब्रजेश ठाकुर के बयान आने और सीबीआई द्वारा उनके पति के मोबाइल के कॉल डिटेल खंगालने के बाद कोई रास्ता नहीं बचता देख नीतीश कुमार के कहने पर उन्हें मुख्यमंत्री निवास एक अणे मार्ग जाकर इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेत सुशील कुमार मोदी भी मंत्री का बचाव करने सामने आए थे। मोदी ने बचाव करते हुए अपनी बात को भाजपा का स्टैंड क़रार दिया था। जबकि पार्टी के राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह और सीपी ठाकुर समेत कई नेताओं ने मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रखी थी। सबसे अहम तो यह कि मामले के खुलासे के बाद बालिका गृह दौरे पर गईं मंत्री के साथ उनके पति भी वहां गये पर मंत्री इसके बावजूद अपनी जिद पर अड़ी रही थीं।