मेड़ता सहित आसपास के गांवों में इस बार अच्छी बारिश हुई। पिछले साल से दोगुना से अधिक वर्षा होने से क्षेत्र में कई गांवों के खेतों में खड़ी फसले पानी से भर गई। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान कात्यासनी ग्राम पंचायत के चार गांवों में बुवाई की गई कपास की फसलों में हुआ। जहां खेतों में पानी लबालब भरे गया। फसलों में खराबा होने से काश्तकार मुआवजे के इंतजार में बैठे थे। क्षेत्र के काश्तकार जब कृषि विभाग के कार्यालय में मुआवजे की जानकारी को लेकर पहुंचे तो विभाग की सर्वेे रिपोर्ट में उनके गांवों में कपास की फसल बुवाई होना ही नहीं बताया गया। यह सब देखकर काश्तकारों के पैरो तले जमीन खिसक गई। जब काश्तकारों ने विभाग को गांवों में कपास की खड़ी फसल में खराबे के सबूत दिए तो आनन-फानन में विभाग बैकफुट पर गया तथा कृषि पर्यवेक्षकों के नाम नए सिरे से अतिवृष्टि से हुए खराबे को लेकर सर्वे के आदेश निकाले। इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर के युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अशोक गोलिया, प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदना के साथ 5 नवंबर को सीएम हाऊस मिले। जिस पर अगले दिन 6 नवंबर को राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर जिले के 49 गांवों सहित प्रदेश के 18 जिलों के 12934 गांवों के अभावग्रस्त घोषित किया है।
जिसमें मेड़ता विधानसभा क्षेत्र के रियांबड़ी तथा मेड़ता उपखण्ड के आकेली ‘एÓ, गेमलियावास, कात्यासनी, लिलियां, मूंगदड़ा, फालकी, जसवंताबाद, सुरपुरा, समदोलाव खुर्द, जोधड़ास कलां एवं खुर्द, माणकियावास, चकअरगला, बडग़ांव, बासनी कच्छावा, खाखड़की, बेदावड़ी कलां तथा कामावासनी गांवों सहित जिले के 49 गांवों को इस सूची में सम्मलित किया।
खरीफ की खड़ी फसलों में हुए खराबे तथा कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा गलत सर्वे किए जाने के समाचार राजस्थान पत्रिका में 5 सिंतबर के अंक में ‘सुपरवाइजरों ने रिपोर्ट में शूून्य बताई बुवाई शीर्षक से प्रकाशित किया। इसके बाद विभाग ने पटवारियों के साथ सुपरवाइजरों से नए सर्वे करवाकर के जिला कलक्टर को रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट को लेकर युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गोलिया, प्रदेश अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। गोलिया के प्रयासों से अब मेड़ता के 18 सहित जिले के 49 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। तथा अब अतिवृष्टि से खेतो में खराबा होने वाले काश्तकार पटवारी द्वारा ऑनलाइन बनाई जा रही नई सूची में मुआवजे लेने के लिए अपना नाम, आधार कार्ड, बैंक खाता जुड़वाएंगे। आपदा प्रबंध की जारी हुई इस अधिसूचना से क्षेत्र के काश्तकारों को अब मुआवजा मिलेगा।