आदेश के तहत किसी जिले को एक तो किसी जिले में चार से पांच अधिकारी पदस्थापित किए गए हैं। कार्य ग्रहण के बाद इन जिलों की चिकित्सकीय व्यवस्था और सुदृढ़ होने की उम्मीद है। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जो कोरोना पॉजिटिव केसेज से जूझ रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों की संख्या कम है। ऐसे में उनके लिए यह आदेश संजीवनी का काम करेगा।
अधिकतर को अस्पताल आवंटित विभाग की ओर से जारी आदेश में इन अधिकारियों को तीन दिन में ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से अधिकतर चिकित्सकों को अस्पताल आवंटित कर सीधे ही स्वास्थ्य केंद्र के लिए पदस्थापित किया है। जबकि, कुछ अधिकारियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन पदभार ग्रहण करने के आदेश हैं, ताकि जरूरत के लिहाज से वे अपने जिले में किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर उनकी सेवाएं ले सके।
प्रदेश के 26 जिलों को मिलेगा सम्बल कार्य ग्रहण की अनुमति प्रदान करने वाले इस आदेश से प्रदेश के 26 जिलों को सम्बल मिलेगा। इसमें नागौर समेत जालोर, अजमेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, झुंझुनूं, अलवर, बांसवाड़ा, करौली, बाड़मेर, सिरोही, पाली, बूंदी, भीलवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, टोंक, बारां, राजसमंद, धौलपुर, हनुमानगढ़, भरतपुर, चूरू, डूंगरपुर व दौसा शामिल है। इनमें से कई जिले अभी कोरोना संकट से भी जूझ रहे हैं।
और सुदृढ़ हो जाएंगी स्वास्थ्य सेवाएं लम्बे समय से गैर हाजिर चल रहे चिकित्सकों को लापरवाह मानते हुए आमतौर पर विभागीय जांच एवं विभिन्न स्तर पर नोटिस जारी किए जाते हैं, लेकिन कोरोना संकट में प्रदेश को चिकित्सकों की आवश्यकता है। ऐसे में इनको तत्काल ही कार्य ग्रहण कर जन स्वास्थ्य निदेशक को अवगत कराने के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि संकट की घड़ी में इनका साथ मिलेगा तो स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ हो जाएंगी।