सूत्रों के अनुसार हाल ही में सैनिक कल्याण विभाग की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। गैलेन्ट्री अवॉर्ड विजेता परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र विजेता इसके हकदार हैं। इस संबंध में जिला सैनिक कार्यालय को आवेदन लेने के लिए अधिकृत किया गया है। देश की रक्षा में शहीद होने वालों की नागौर में संख्या 177 है।
पूरे नागौर जिले में महावीर चक्र से सम्मानित शहीद सुगन सिंह भी वर्ष 1971 में ही शहीद हुए थे। वीरांगना समद कंवर तो उनके पुत्र मांगू सिंह सरकार की इस सौगात पर खुश हैं, उनका कहना है कि देश के लिए शौर्य दिखाने वालों का इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है।
…फिर दस बीघा जमीन में क्यों इतनी देर क्यों शौर्यता दिखाने के बाद सरकार से जब 87 शौर्य पदक हासिल करने वालों को मुफ्त प्लाट देन की घोषणा पर इतनी तेजी से काम हो रहा है तो इनाम के तौर पर मिलने वाली दस बीघा जमीन का बरसों से इंतजार कर रहे जवानों का क्या होगा, उन्होंने भी तो वीरता दिखाई, गोलियां खाई थी फिर यहां ऐसा क्यों। करीब एक दर्जन से अधिक सेना के जवान/परिवार इस फेहरिस्त में ह। अभी दो शहीदों परिवार समेत कुछ सेना के जवान इस इंतजार में हैं। डीडवाना के कणवाई गांव के शहीद भागीरथ सिंह के परिजनों का भी इंतजार लंबा हो चला है। अप्रेल 2009 में भागीरथ उड़ीसा के नक्सली भुठभेड़ में शहीद हुए थे। तब से इनका परिवार जमीन मिलने का इंतजार है। इस बाबत कई बार प्रशासन से गुहार की जा चुकी है। इसके अलावा पीह गांव के शहीद पांचूराम तो फिरड़ोद के शहीद बजरंग लाल का परिवार भी इसी कतार में है।
इनका कहना शौर्य पदक वाले जवान/परिवार को मुफ्त प्लाट दिए जाएंगे। किसी भी शहर में सरकारी योजना के तहत यह आवंटन होगा। इनमें डीडवाना के 64 तो नागौर के 23 हैं। सिंचित जमीन के कुछ मामले बाकी हैं, जो जल्द ही हल होंगे। प्रतिमा पर भी काम कर रहे हैं।
-कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा, सैनिक कल्याण अधिकारी , डीडवाना।