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नागौर

एसीबी ने खोली नागौर जेएलएन के मदर एण्ड चाइल्ड विंग के घटिया निर्माण की पोल…!

भवन में भूतल से ऊपरी मंजिल की दीवारों एवं फर्श पर मिली घटिया निर्माण सामग्री, छत पर टाइल्स के नीचे मिली रेत, पैर रगड़ते ही बाहर आ गई टाइल्स

नागौरSep 07, 2018 / 12:06 pm

Sharad Shukla

Nagaur patrika

ACB launches Nagar JLN’s Mother and Child Wing Poor Polls …

नागौर. जिला मुख्यालय के जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय के मदर एंड चाइल्ड (एमसीएच) विंग भवन के निर्माण में हुई धांधली की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों साथ एसीबी टीम गुरुवार को अस्पताल पहुंची। करीब 975 लाख की लागत से बने इस भवन के भूतल सहित ऊपरी मंजिल की दीवारों एवं छत के फर्श, बाथरूम व टायलेट्स आदि के निर्माण में जमकर लीपापोती की गई है। एसीबी के साथ पहुंचे पीडल्यूडी के एक्स ईएन एवं एनआरएचएम के दोनों सहायक अभियंताओं की टीम निर्माण में इस्तेमाल मसाले की घटिया क्वालिटी के इस्तेमाल को देख हैरान रह गई। छत पर केवल रेत के ऊपर ही टाइल्स बिछा दी गई। दल के सदस्यों ने फर्श पर पैर रगड़ा तो टाइल्स हट गई और रेत बाहर गई। पानी की दो टंकियों के निर्माण में भी घटिया निर्माण सामग्री पाई गई। दल ने प्राथमिक स्तर पर गड़बड़ी देखते हुए आधा दर्जन से अधिक नमूने जांच के लिए लिए हैं। गौरतलब है कि एमसीएच विंग निर्माण में गड़बड़ी के प्रकरण को राजस्थान पत्रिका ने कई बार प्रमुखता से उठाया था।
कलक्टर ने दिए दिए थे जांच के आदेश
भवन निर्माण में हुई धांधली को लेकर राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने तथा निरीक्षण में मिली खामियों के बाद कलक्टर ने पीएमओ को जांच के लिए एसीबी को शिकायत भेजने के निर्देश दिए थे। भवन की स्थिति यह है कि बारिश के दौरान पानी छत से टपक कर सीधा वार्डों में आ जाता है। यही नहीं, कई बार वार्डों में टाइल्स व पलस्तर आदि के गिरने की घटनाएं भी हुई थी।
रेत बिछाकर लगा
दी टाइल्स
छत की फर्श एवं भूतल सहित अन्य मंजिलों की दीवारों पर लगी टाइल्स को लगाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण मसाले का इस्तेमाल मौके पर नहीं मिला। स्थिति यह थी कि एक छेनी मारते ही टाइल्स खुद-ब-खुद उखड़ती जा रही थी। इसमें रेत एवं मिट्टी का घटिया स्तर का मिश्रण मिला। इस संबंध में हॉस्पिटल के केयरटेकर एवं एनआरएचएम के सहायक अभियंता अग्रवाल ने बताया कि यह पूरी बिल्डिंग तीन साल की गारंटी पीरियड में है। इसलिए जो भी खामियां है, उसे एनआरएच की तकनीकी शाखा की ओर से ही दुरुस्त कराया जाएगा। करीब चार घंटे तक अस्पताल में रही एसीबी टीम ने पीएमओ के बताए अनुसार हर जगह से नमूने लेकर फोरेंसिक जांच के लिए अपने कब्जे में लिए।
निर्माण में जमकर बरती लापरवाही
जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल परिसर में स्थित मदर एण्ड चाइल्ड विंग में प्रारंभिक स्तर पर निर्माण में हुई घपलेबाजी सामने आई है। एसीबी के उपाधीक्षक जाकिर अख्तर अपनी टीम एवं पीडब्ल्यूडी व एनआरएचएम के अभियंताओं के साथ सुबह करीब 11 बजे जेएलएन अस्पताल पहुंचे। यहां एमसीएच विंग के ग्राउण्ड फ्लोर सहित ऊपरी मंजिल की दीवारों एवं फर्श व छत आदि के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने लिए। इनकी तकनीकी गुणवत्ता बेहद ही घटिया मिली। मौके पर मौजूद एनआरएचएम के सहायक अभियंता अनिल अग्रवाल ने भी माना कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया।
अधिकारियों ने कहा – यह तो पहले
का है
एसीबी जांच के लिए नमूने लेने के दौरान जेएलएन अस्पताल के पीएमओ डॉ. वी. के खत्री, एनआरएचएम के सहायक अभियंता अनिल अग्रवाल एवं हॉस्पिटल के केयरटेकर से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि यह मामला तो उनके कार्यकाल का नहीं है। फिर भी कहीं खामी है तो उसे गारंटी पीरियड में होने के कारण ठीक करवा दिया जाएगा। पीएमओ खत्री का कहना था कि निर्माण तो वास्तव में सही नहीं हुआ है। निर्माण सही होता तो फिर पलस्तर वार्डों में न गिरता, टाइल्स भी अपनी जगह से न हटती। बारिश के दौरान छत के रास्तों से पानी वार्ड में नहीं आता। उन्होंने कहा कि इसमें सही वस्तुस्थिति तो तकनीकी जांच के बाद ही सामने आ सकेगी।
नमूने लिए हैं
&जेएलएन के मदर एण्ड चाइल्ड विंग भवन निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर गुरुवार को जांच कर नमूने लिए गए हैं। इनकी जांच कराने के साथ ही यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
जाकिर अख्तर, उपाधीक्षक एसीबी नागौर

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