script340 सालों के बाद आज त्रियोग में पड़ रही है 14 को इस बार मकर संक्रान्ति | After 340 years, today Makar Sankranti is falling in Triyoga, this time on 14th | Patrika News
नागौर

340 सालों के बाद आज त्रियोग में पड़ रही है 14 को इस बार मकर संक्रान्ति

Nagaur. राज योग, शुक्ल योग, मित्र योग व रोहिणी नक्षत्र शुक्रवारीय योग के साथ आज भद्रा रहित होगी मकर संक्रान्ति-बाजारों में दुकानों पर सजी विभिन्न प्रकार की पतंगे

नागौरJan 13, 2022 / 10:21 pm

Sharad Shukla

After 340 years, today Makar Sankranti is falling in Triyoga, this time on 14th

After 340 years, today Makar Sankranti is falling in Triyoga, this time on 14th

नागौर. 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति है। चौदह को दोपहर में 2 बजकर 28 मिनट पर सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। धनु राशि से सूर्य मकर राशि में प्रविष्ट हो जाएंगे। इसके बाद से मलमास भी समाप्त हो जाएगा। पंडित सुनील दाधीच ने बताया कि 340 सालों के बाद त्रियोग में मकर संक्रान्ति पड़ रही है।इस बार संक्रान्ति का वाहन व्याघ, उप वाहन अश्व, दक्षिण गमन , नैऋत्य दृष्टि, पीत वस्त्र, गदा युद्ध ,रजत पात्र, पायस भक्षण, कुमकुम लेपन, भूत जाती, जाति पुष्प , कंकण आभूषण, वर्ण कंचुकी, कुमारी अवस्था ,उपविष्ठा मुद्रा में है। इस बार मकर संक्रान्ति पर राज योग, शुक्ल योग, मित्र योग व रोहिणी नक्षत्र शुक्रवारीय योग बन रहे हैं। इसके अलावा यह मकर संक्रान्ति भद्रा रहित भी होगी। एक तरह से मकर संक्रन्ति इस बार ऐश्वर्य योग में पड़ रही है। गत वर्षों से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में मध्य रात्रि के आस-पास प्रवेश कर रहे थे। जिस कारण सूर्योदय के समय ग्रहों का प्रभाव मान्य होता रहा था। इस कारण इस समय के गोचर के प्रभाव मान्य व उचित होंगे। वृष लग्न में उच्च के चन्द्रमा रोहिणी नक्षत्र , शुक्रवार। अत: जल तत्व प्रधान है। ये समय सुख, ऐश्वर्य के साथ मनोबल बढ़ाने वाला सिद्ध होगा। भाग्य स्थान पर स्वराशि के शनि मित्र बुध के साथ मेहनत करने वालों को कर्म का फल अवश्य देंगे। अपनी मकर राशि में शनि स्वयं अपने पिता सूर्यदेव के स्वागत के लिए उत्सुक और तत्पर हैं तथा मकर संक्रान्ति होते ही बुधादित्य योग जैसी शुभ स्थिति प्रारम्भ हो जाएगी। इधर सप्तम में स्वराशि के मंगल केतु के संग बलशाली स्थिति बनाए हुए हैं। इसके अलावा गुरु दशम भाव में मकर संक्रान्ति के समय के रोजग़ार सम्बन्धी शुभ प्रभाव तो दे ही रहे हैं। गोचर में ग्रहों के अनेक-अनेक दोषों का भी हरण कर रहे हैं। शुक्र अष्टम में सुख ऐश्वर्य को झंझट में डाल कर हताशा-निराशा तथा राहु लग्न में बैठ कर दिमागी परेशानी तथा चन्द्रमा को पीडि़त करके जो योग बनाए हुए है, युति न होने के कारण गुरु के प्रभाव से अशुभ प्रभावों के लिए शमनकारी रूप में प्रयत्नशील होंगे। अब सभी शुभ मांगलिक कार्य शिलान्यास मुहूर्त गृह प्रवेश दुकान, फैक्ट्री के व्यापार प्रारंभ मुहूर्त, विवाह मुहूर्त आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। सूर्य संक्रान्ति का पुण्य काल सूर्य देव के राशि परिवर्तन के समय से अर्थात सक्रांति के समय से 6 घंटे 24 मिनट पहले से प्रारंभ होकर संक्रन्ति के 6 घंटे 24 मिनट बाद तक का मान्य होता है इस पुण्य काल में किए गए सभी प्रकार के जप ,तप, दान आदि अनंत गुना फलदाई होते हैं
दुकनों पर सजी पतंगें
मकर संक्रान्ति यानी की पतंगों के त्योहार में अब चौबीस घंटे रह गए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए दुकानों पर विभिन्न प्रकार की पतंगे सज गई हैं। शहर के गांधी चौक के अंदर की ओर से बाजारों में दुकानों पर अब पतंग के खरीदार भी पहुंचने लगे हैं। दुकान पर पतंग के साथ डोरी एवं मंझा आदि भी लटाइयों में नजर आने लगे हैं। धार्मिक्र सामाग्री की दुकानों पर पूजा के सामान एवं सूर्य देव के झंडे आदि लंबे समय के बाद नजर आए।दान देने के पीछे कारण यह होता है कि यह सुपात्र व्यक्ति को ही दिया जाए. यानी जरूरतमंदों को ही दान किया जाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार दान ऐसे व्?यक्ति को दिया जाना चाहिए जो जरूरतमंद हो और इसका सदुपयोग करे. तभी दान का फल प्राप्?त होता है. मान्?यता है कि दान अच्?छे मन से करना चाहिए और इसको देने के बाद इसका पश्चाताप भी नहीं करना चाहिए. वरना दान देने वाले को इसका फल और पुण्य नहीं मिलता. वहीं दान ऐसे व्?यक्ति को दें जो इसका हकदार हो और दान मिलने पर संतुष्?ट रहे. ऐसे लोग जो दान देने से संतुष्?ट नहीं होते और उससे और मिलने की अपेक्षा करें, वहीं दान देने वाले को किसी तरह अपमानित करें, उन्?हें दान नहीं दिया जाना चाहिए।

 

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