कोर्ट में अब तक नहीं पहुंची आनंदपाल के एनकाउंटर की सूचना
आनंदपाल हाजिर हो का ऑर्डर, इतने महीनों बाद भी आनंद क्या है जिंदा?
डीडवाना. गैंगस्टर आंनदपालसिंह क्या अभी तक जिंदा है? क्या पुलिस और सरकार को अब भी एनकाउंटर को लेकर कोई शक या संशय है? अगर नहीं तो पुलिस ने अब तक कोर्ट में आनन्दपाल सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश क्यों नहीं किया? यह सवाल ऐसे हैं जो आज डीडवाना कोर्ट में जवाब मांग रहे हैं। दरअसल आनन्दपाल का एनकांउटर हुए साढ़े चार माह गुजर चुके हैं। एनकाउंटर के बाद से पुलिस जोश से लबरेज है, लेकिन जोश में राजस्थान पुलिस आनन्दपाल की ‘फौत’ (मृत्यु) का प्रमाण पत्र कोर्ट में प्रस्तुत करना भूल गई। जिससे कोर्ट ने आनन्दपाल सिंह के जुड़े विचाराधीन मामलों में उसकों मफरुर घोषित किया गया है जबकि कानून के जानकारों के मुताबिक किसी जीवित व्यक्ति या अपराधी के नाम से प्रोडक्शन वारंट जारी होता है।
दरअसल मंगलवार को डीडवाना के अपर जिला एवं सेशन न्यायालय में हुई पेशी के दौरान ऐसा ही वाकया सामने आया। इन्द्रचंद अपहरण मामले को लेकर मंगलवार को अनुराधा चौधरी की पेशी होनी थी। इस मामले में साजिशकर्ता के रूप में आनन्दपाल सिंह की मुख्य भूमिका सामने आई थी। जिसके तहत उसे भी आरोपित बनाया गया था। पेशी के दौरान अनुराधा चौधरी को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका।
इस पर कोर्ट ने पुलिस को आनदपालसिंह को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए या फिर उसकी मौत का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए। इस मामले में कोर्ट ने अगली पेशी 8 दिसम्बर तय की है। उल्लेखनीय है कि आनन्दपाल सिंह का पुलिस ने चुरू के समीप एनकाउंटर कर दिया था।
आनदपालसिंह के वकील ए. पी. सिंह ने कहा कि पुलिस ने एनकाउंटर में मौत के बाद डीएनए जांच भी नहीं करवाई थी ना ही अब तक आनदपालसिंह से जुड़े विचाराधीन मामलों में आगे की कार्रवाई के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र पेश नही किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुलिस और सरकार अभी भी आनदपालसिंह को लेकर पेशोपेश में है? उन्होंने कहा कि 8 दिसम्बर की पेशी के बाद ही तय हो पाएगा की आनंदपालसिंह जिंदा है या एनकाउंटर में मारा जा चुका है? क्योंकि कोर्ट ने पुलिस को पाबंद किया है कि आनदपालसिंह का
मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करे। वहीं मामले में जुड़े विशिष्ट लोक अभियोजक रामेश्वर भाकर का कहना है कि कोर्ट ने पुलिस से आनन्दपाल की मृत्यु का प्रमाण पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं।
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