Nagaur patrika-अयोध्या राम मंदिर निर्माणार्थ भामाशाहों ने लाखों की राशि सहयोग स्वरूप दिए जाने की घोषणा
नागौर•Jan 19, 2021 / 09:50 pm•
Sharad Shukla
Shri Ram Janmabhoomi meeting for fundraising for temple construction
नागौर. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में भव्य व दिव्य राम मंदिर निर्माण केवल पूजा मात्र का स्थान नहीं है । यह राम की मर्यादा व त्याग का भाव जनमानस में जागरण के लिए मंदिर निर्माण है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल उपाख्य बाबाजी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अयोध्या प्रभु अवतरण की भूमि है । संत समाज शक्ति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि राम की भक्ति धार्मिक व आध्यात्मिक शक्ति है जिसका प्रकृटीकरण राम मंदिर के माध्यम से होगा। इस दौरान नंदलाल बाबाजी द्वारा रचित भजन गायक दिनेश माली के स्वर में गाये भजन “बने राम का धाम , जय जय श्री राम ***** का भी विमोचन किया गया । नवीन घोषणा समर्पण निधि की। इस दौरान भामाशाहों में पूर्णसिंह राठौड़, भागीरथ मेहरिया, मदनदान, आनंद कंवर चारण, नेमीचंद नृत्यगोपाल मित्तल, सुरेश पित्ती, रामनिवास लूणकरण, पवन भट्टड़, बनवारीलाल अग्रवाल, मोहनराम उत्तम आदि भामाशाहों की ओर से मंदिर निर्माण के लिए सहयोग स्वरूप राशियों को दिए जाने की घोषणा की गई। इस दौरान मंहत जानकीदास महाराज, संत गोरधनदास महाराज, रामनिवास शास्त्री, माधव दास महाराज, श्रवण राम महाराज, जिला समिति अध्यक्ष भोजराज सारस्वत , रामकिशोर सारडा , सुखराम फिड़ौदा , अशोक राठी , डॉ. हापूराम चौधरी , समिति उपाध्यक्ष उम्मेदसिंह राजपुरोहित , हरिराम धारणिया , नटवर राज, विभाग प्रचारक विजेंद्र , निधि संग्रह समिति सचिव हेमंत जोशी आदि उपस्थित थे।
बेफिक्र जिम्मेदार
सरकार सरकार बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट मोड पर है, लेकिन जिले में दो दर्जन से अधिक पक्षियों के मृत की श्रेणी में आने के बाद भी चिकित्सा विभाग को सेंपल रिपोर्ट आने का इंतजार है। हालांकि इसको लेकर दूसरे विभागों में विशेषकर पशुपालन विभाग की ओर से तेजी दिखाते हुए जहां इस पर विशेष नजर रखे जाने के लिए टीमों का गठन किया जा चुका हैं, वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से केन्द्रवार जिले में स्थिति पर नजर रखे जाने के लिए ऐसी किसी टीम आदि के गठन किए जाने की कोई अधिकारिक पुष्टी नहीं हुई। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से बातचीत किए जाने पर भी वह वह बेफिक्र नजर आए। अधिकारियों का कहना था कि नागौर में तो ऐसा कोई मामला नहीं आया है। जिले में अब तक जायल, मूण्डवा, डेगाना, मेड़तासिटी एवं नागौर के निकटवर्ती कालवा में अब तक मृत पाए गए पक्षियों की संख्या दो दर्जन से अधिक बताई जाती है। इसके बाद भी अस्पतालों में एहतियान इसको ध्यान में रखते हुए जांच की कोई व्यवस्था न करना चिकित्सा विभाग की बेफिक्री को दर्शाता नजर आने लगा है। उल्लेखनीय है की कोरोना की दस्तक जनवरी होने के बाद भी गत वर्ष चिकित्सा विभाग इसी तरह राग अलापता रहा। बाद में विगत अप्रैल में बासनी में मिले कोरोना रोगी के बाद फिर पूरे जिले भर में रोगियों की संख्या में ताबड़तोड़ बढ़ोत्तरी हो गई थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सेंपल रिपोर्ट आने के इंतजार व मानवों से मानवों में न फैलने को लेकर चिकित्सा विभाग के अतिआत्मविश्वास की स्थिति के चलते कहीं हालात विकट न हो जाएं।