नागौरPublished: Mar 15, 2018 11:17:46 am
Dharmendra gaur
ताऊसर के इकासर बास में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
कथा में उपस्थित महिलाएं
नागौर. सूरसागर जोधपुर के रामस्नेही रामद्वारा के संत रामप्रसाद ने कहा कि समाज में गृहस्थ जीवन का सात्विकता से पालन करना भी धर्म है। इस सामाजिक व्यवस्था में भगवत नाम का स्मरण करना श्रेष्ठ व्यवहार है, अन्यथा गृहस्थ का मार्ग विपरीत दिशा में जा सकता है। वे निकटवर्ती गांव ताऊसर के इकासर बास में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान में बुधवार को प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विषयों का चिन्तन आत्मशक्ति नष्ट करने वाला होता है। कथा प्रसंग में उन्होंने भगवान कृष्ण के बहु आयामी जीवन एवं प्रेरक प्रसंगों की व्याख्या की। भगवान कृष्ण को ऊखल से बांधने का प्रसंग बताते हुए उन्होंने कहा कि भक्त व वैराग्य से ही परमात्मा को बांधा जा सकता है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से निर्भयता, हृदय में प्रभु भक्ति व प्रेम की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि जीव का संबंध परमात्मा से नहीं जुड़ता है तब तक वह जीव मुक्ति नहीं पा सकता है। सभी शक्तियां परमात्मा की दी हुई है, और अन्त में परमात्मा में ही समा जाएगी। कथा वाचन के दौरान पण्डाल में भगवान कृष्ण की सजीव झांकियंा सजाई गई।
गाय बचेगी तो देश बचेगा
उन्होंने कृष्ण के गोसेवा भाव का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान समय में गाय बचेगी तब ही देश बचेगा। आम आदमी को गोरक्षा के लिए सचेत होना होगा। गो संरक्षण एवं संवर्धन के लिए केवल सरकारी प्रयासों से कुछ भी नहीं होगा। इसके लिए समाज में ही पहल करनी होगी। कथा प्रवचन में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी इस दौरान संत मदनदास, संत तारकराम, संत मूरलीराम,अभयराम, नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी, रविन्द्र सिंह परिहार, जेठमल गहलोत, आईदानराम भाटी, आशाराम भाटी, प्रेमराज भाटी, देवेंद्र डागा, जयसिंह, कमलकिशोर भाटी, अशोक, शिवनारायण चाण्डक, जगवीर छाबा, उम्मेदसिंह राजपुरोहित, हरिराम धारणिया, दिनेश देवड़ा, रामसिंह सोलंकी, रमेश सारस्वत, संजय सारस्वत, मूलचंद भाटी, हीरालाल भाटी सहित कई जने मौजूद थे।