scriptनागौर में अनूठी परम्परा; अजमेर से आती है चादर, जोधपुर के काजी ऊंटनी पर सवार होकर पहुंचते हैं सूफी साहब की दरगाह | Big Urs of Sufi Hamiduddin Nagori celebrated with great pomp in Nagaur | Patrika News
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नागौर में अनूठी परम्परा; अजमेर से आती है चादर, जोधपुर के काजी ऊंटनी पर सवार होकर पहुंचते हैं सूफी साहब की दरगाह

धूमधाम से मनाया सूफी हमीदुद्दीन नागौरी का बड़ा उर्स, शाहजहानी मस्जिद से दरगाह पहुंचा चादर का जुलूस

नागौरDec 08, 2021 / 10:15 pm

shyam choudhary

शाहजहानी मस्जिद से दरगाह पहुंचा चादर का जुलूस

शाहजहानी मस्जिद से दरगाह पहुंचा चादर का जुलूस

नागौर. ख्वाजा साहब के खास खलीफा हजरत सूफी हमीदुद्दीन नागौरी रहमतुल्लाह अलैह के 770वें उर्स के तहत बुधवार को बड़ा उर्स धूमधाम के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी की तीसरी लहर के संक्रमण के खौफ पर सूफी हमीदुद्दीन नागौरी के धर्मप्रेमियों की आस्था भारी पड़ी। बुधवार दोपहर ढाई बजे तहसील चौक स्थित शाहजहानी मस्जिद से काजी आबिद हुसैन जोधपुर वाले ऊंटनी पर सवार होकर अजमेर से लाई गई चादर शरीफ को अपने सिर पर रखकर जुलूस के साथ रवाना हुए। दरगाह कमेटी के सदर अख्तर हुसैन पहलवान व नायब सदर अब्दुल्लाह तारीक गौरी ने बताया कि जुलूस सदर बाजार, बर्तन बाजार, मच्छियों का चौक, लोढ़ों का चौक, माही दरवाजा होते हुए दरगाह पहुंचा। चादर शरीफ का जुलूस शाम पौने 4 बजे सूफी दरगाह पहुंचा। बुलंद दरवाजे के पास कलंदरों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। सूफी के मजार पर अजमेर से आई गई चादर पेश करने के दौरान पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान, दरगाह कमेटी के नायब सदर आबिद हुसैन आल्वी, सरफरस्त काजी अता मोहम्मद, अब्दुल गफार लदावत सहित कमेटी के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
लोभान और गुलाब की खुशबू से सराबोर रहा परिसर
बड़े उर्स के मौके पर देश भर से आए हुए जायरीनों ने सूफी के दरबार में मत्था टेक कर मन्नत मांगी। मजार पर फातिहा पढऩे का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा। जायरीनों ने मजार पर आकर चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए और देश में खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। बड़े उर्स के मौके पर दरगाह परिसर गुलाब के फूलों, लोभान, अगरबत्तियों और ईत्र की खुशबू से सराबोर रहा। बड़े उर्स के मौके पर गुलाब के फूलों की बिक्री भी जमकर हुई।
दिनभर चले धार्मिक कार्यक्रम
बड़े उर्स के मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान खानी के साथ हो हुई। दोपहर बाद अस्र की नमाज के समय चादर का जुलूस भी दरगाह पहुंचा, यहां दरगाह में चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए। रात को इशा की नमाज के बाद कव्वाली का विशेष कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कव्वाली के कार्यक्रम में मशहूर कव्वाल पार्टियों ने अपने कलाम पेश किए। उर्स मुबारक में शिरकत करने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंचे। इन जायरीनों के रुकने के लिए दरगाह कमेटी की तरफ से उचित व्यवस्था की गई। वहीं खाने के लिए सुबह और शाम दोनों वक्त लंगर की व्यवस्था भी की गई। बड़े उर्स के मौके पर कानून व्यवस्था संभालने के लिए खुद नागौर वृत्ताधिकारी विनोद कुमार सीपा पुलिस के जवानों के साथ उपस्थित रहे। गुरुवार को कुल की रस्म के साथ 770वें उर्स मुबारक का समापन हो जाएगा।
दिनभर चला चादर पेश करने का दौर
बड़े उर्स के मौके पर दिन भर दरगाह में चादर चढ़ाने का दौर जारी रहा। बासनी गांव के मौजिज लोगों की तरफ से सुबह 10 बजे चादर चढ़ाई गई। इस दौरान बासनी के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के सदस्य युसूफ की तरफ से शाम को असर की नमाज के बाद में चादर चढ़ाई गई। वहीं वार्ड 25 के पार्षद दीपक सैनी व वार्ड वासियों ने चादर के साथ हाथीपोल से गांधी चौक मुख्य बाजार से होते हुए सूफी साहब की दरगाह पहुंचकर चादर पेश की।
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