बड़े उर्स के मौके पर देश भर से आए हुए जायरीनों ने सूफी के दरबार में मत्था टेक कर मन्नत मांगी। मजार पर फातिहा पढऩे का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा। जायरीनों ने मजार पर आकर चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए और देश में खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। बड़े उर्स के मौके पर दरगाह परिसर गुलाब के फूलों, लोभान, अगरबत्तियों और ईत्र की खुशबू से सराबोर रहा। बड़े उर्स के मौके पर गुलाब के फूलों की बिक्री भी जमकर हुई।
बड़े उर्स के मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान खानी के साथ हो हुई। दोपहर बाद अस्र की नमाज के समय चादर का जुलूस भी दरगाह पहुंचा, यहां दरगाह में चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए। रात को इशा की नमाज के बाद कव्वाली का विशेष कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कव्वाली के कार्यक्रम में मशहूर कव्वाल पार्टियों ने अपने कलाम पेश किए। उर्स मुबारक में शिरकत करने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंचे। इन जायरीनों के रुकने के लिए दरगाह कमेटी की तरफ से उचित व्यवस्था की गई। वहीं खाने के लिए सुबह और शाम दोनों वक्त लंगर की व्यवस्था भी की गई। बड़े उर्स के मौके पर कानून व्यवस्था संभालने के लिए खुद नागौर वृत्ताधिकारी विनोद कुमार सीपा पुलिस के जवानों के साथ उपस्थित रहे। गुरुवार को कुल की रस्म के साथ 770वें उर्स मुबारक का समापन हो जाएगा।
बड़े उर्स के मौके पर दिन भर दरगाह में चादर चढ़ाने का दौर जारी रहा। बासनी गांव के मौजिज लोगों की तरफ से सुबह 10 बजे चादर चढ़ाई गई। इस दौरान बासनी के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के सदस्य युसूफ की तरफ से शाम को असर की नमाज के बाद में चादर चढ़ाई गई। वहीं वार्ड 25 के पार्षद दीपक सैनी व वार्ड वासियों ने चादर के साथ हाथीपोल से गांधी चौक मुख्य बाजार से होते हुए सूफी साहब की दरगाह पहुंचकर चादर पेश की।