सनातन धर्म के अनुसार, एक साल में दो आयन होते हैं। इसमें पहला उत्तरायण है, जबकि दूसरा दक्षिणायन है। 21 जून से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इस समय से दिन छोटे होने लगते हैं, जबकि रातें बड़ी होने लगती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में भौतिक विलासता यथाशीघ्र पूरी होती है। 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है।
योग दिवस का महत्व
योग करने से जीवन में अध्यात्म का सृजन होता है। आज दुनियाभर के दर्जनों देशों में योग को जीवन का श्रृंगार माना जाता है। खासकर कोरोना काल में कई कारणों के चलते लोग तनाव भरी जिंदगी जीने लगे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए योग सबसे बड़ी दवा है। व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है।
साल 2015 में इसकी थीम ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’ थी. वहीं साल 2016 में इसकी थीम थी ‘युवाओं को कनेक्ट करें. इसके बाद 2017 में ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ को इसकी थीम रखा गया था. साल 2018 में ‘शांति के लिए योग’ की थीम पर इसका आयोजन किया गया था. इसके बाद साल 2019 में योग के साथ पर्यावरण को कनेक्ट करते हुए इसकी थीम ‘पर्यावरण के लिए योग’ रखी गई थी.
कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 2020 में इसकी थीम ‘सेहत के लिए योग- घर संयोग’ रखी गई थी. वहीं इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ (योग फ़ॉर वेलनेस) है।