नागौर. दीपावली के मौके पर इस बार बाजार में मिट्टी के सजावटी सामान की धूम मची हुई है। लोगों में इन्हें खरीदने के लिए भी खासा आकर्षण है। मूर्तियों के साथ ही मिट्टी के लैंप, मुखौटे आदि लोगों की पसंद बने हुए हैं। यूपी के प्रमुख शहरों में लोगों ने चायनीज सामान को बाय-बाय करते हुए देश में निर्मित चीजों को तरजीह दी है, बाजारों में मिट्टी की बंदनवार, दीये, लक्ष्मी-गणेश और गिफ्ट आइटम्स देखने के लिए मिल रहे हैं। दीपोत्सव हो या कोई खास आयोजन, सजावट को लेकर आम लोगों की सोच पूरी तरह बदल गई है। कुछ समय पहले तक भारी-भरकम सामान से घरों में इंटीरियर डेकोरेशन हो रही थी, लेकिन अब देखने में आ रहा की घरों को सजाने के शौकीन मिट्टी के डिजाइनर सामान से घर-आंगन, बालकनी और बगीचों को सजाना पसंद कर रहे है।दीपावली पर स्वदेशी वस्तुओं से बाजार पटा हुआ है। घर को अलग से लुक देने के लिए कोई मिट्टी का लैंप पसंद कर रहा है तो कोई, तबला, मुखौटे, स्टूल या विभिन्न प्रकार की आकृतियां। इस तरह सजे बाजार को देखने से लग रहा है कि शिल्पकारों को एक बाजार मिल गया है और उनकी दीपावली भी आर्थिक रूप से उन्नत होगी। मिट्टी निर्मित कलाकृतियों में विभिन्न आकार-प्रकार की आकृतियों में तबला, बांसुरी वादक, सांरगी वादक, मुखौटे शामिल हैं। सजावटी सामान में मिट्टी से बनी रंग-बिरंगी तोरण, बंदनवार, कंडील और लैंप विशेष तौर पर खरीदे जा रहे हैं। इससे अलग कागज से बने रंग-बिरंगे फूल, मोतियों के लहराते लैंप, लाल, नीली-पीली कंडील आदि लोगों को भा रहे हैं। खरीदारों में गांधी चौक आए पाबूराम, शंकर, रामूराम का कहना है कि मिट्टी का बना सामान इकोफ्रेंडली और सस्ता है। हमें अपने देश में बनी वस्तुओं को प्रमोट करना चाहिए। इसलिए हमने देश को प्राथमिकता देते हुए चायनीज सामान से दूरी बना ली है। दुकानदारों का कहना है कि देश में सजावट का सामान 60 रूपये से लेकर कई रेंज में उपलब्ध है। उपभोक्ता अपनी जेब के हिसाब से दीपावली पर खरीदारी कर सकता है।दुकानों पर भी चहल-पहलशहर के गांधी चौक एवं तिगरी बाजार में कपड़ों, ज्वेलर्स आदि की दुकानें अब गुलजार होने लगी है। दोपहर तक दो से चार की संख्या में आने वाले ग्राहकों की संख्या शाम को बाद बढ़ी, फिर शाम को दुकानों पर चहल-पहल बढ़ गई।दुकानों पर दीपावली को ध्यान में रखते हुए सामानों को पहले से ही मंगा लिया गया था। कपड़ों में जोधपुर, जयपुर एवं कोटा क्षेत्र से आए परंपरागत कपड़ों के साथ अत्याधुनिक परिधानों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। धनतेरस पर विशेषकर सोने व चांदी से निर्मित आभूषणों की खरीद ज्यादा होती है। इसको ध्यान में रखते हुए आभूषणों को कई रेंज मे बनवाया गया है। दुकानदारों का कहना है कि धनतेरस पर लोग गणेश-लक्ष्मी की आमतौर पर चांदी की प्रतिमा ज्यादा खरीदते हैं। इसलिए इस बार भी इसकी उम्मीद है।
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