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नागौर

एक करोड़ खर्च करने के बाद भी सुविधाओं का अभाव

नागौर शहर के 11 सामुदायिक शौचालयों में पसरा अंधेरा , बिना लाइट-पानी किया जा रहा का संचालन। लाइट कनेक्शन के अभाव में दिन में रोशनदान में से झांकती सूरज की रोशनी ही लाइट का काम करती है।

नागौरSep 16, 2019 / 12:49 pm

Dharmendra gaur

एक करोड़ खर्च करने के बाद भी सुविधाओं का अभाव

Community Toilets Running without water and electricity in nagaur

नागौर. बिजली की फिटिंग टूट गई तो कहीं पानी की लाइन के पाइप उखड़ गए। वॉश बेसिन टूट चुके हैं और फर्श भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। लाइट कनेक्शन के अभाव में दिन में रोशनदान में से झांकती सूरज की रोशनी ही लाइट का काम करती है। कुछ ऐसा ही हाल है शहर में नगर परिषद द्वारा संचालित सामुदायिक शौचालयों का। नगर परिषद की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत तीन साल पहले करीब 01 करोड़ से अधिक की लागत से बनाए गए एक दर्जन शौचालय सुविधाओं के अभाव में बदहाल है। बेशक इनका संचालन हो रहा है लेकिन लोग इनका आधी-अधूरी सुविधाओं के साथ उपयोग कर रहे हैं। Nagaur Latest Crime news


एक साल तक लटके रहे ताले
नगर परिषद की ओर से 2016 में निर्मित इन शौचालयों के करीब एक साल तक उद्घाटन के इंतजार में ताले लटके रहे। नगर परिषद ने एक भी शौचालय में लाइट कनेक्शन नहीं करवाया और ना ही पानी के लिए टंकियां रखवाई। एकाध जगहों पर टंकियां रखवाई लेकिन इनको भरने की सुविधा नहीं होने का फायदा उठाकर लोग टंकियां उठाकर ले गए। फिलहाल शहर के अलग-अलग वार्डों में 11 सामुदायिक शौचालयों का संचालन किया जा रहा है। नगर परिषद की ओर से इनका संचालन करने व रख-रखाव पर बजट भी खर्च किया जा रहा है लेकिन सुविधाओं के अभाव में इनके निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। इसका उपयोग करने वाले लोग यहां बने होद से पानी लेकर ही काम चलाते हैं। Nagaur Nagar Parishad news


फिटिंग तक उखाड़ ले गए लोग
नगर परिषद ने शौचालयों में लाइट व पानी की फिटिंग के लिए लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन लाइट का कनेक्शन करवाए बिना ही इनका संचालन शुरू करवा दिया। लोग बिजली के बोर्ड व तार उखाड़ ले गए वहीं पानी की फिटिंग तोड़ दी। वॉश बेसिन व कमोड क्षतिग्रस्त हो गए। नगर परिषद की ओर से मोहम्मदपुरा, बड़ली मेघवाल बस्ती, फुलवारियों की बस्ती, खत्रीपुरा, गाजीखाडा, भार्गव बस्ती, टीबी अस्पताल, कुम्हारी दरवाजा, जटिया कुम्हार बास, गांछा बस्ती व मेघवाल बस्ती में नगर परिषद जबकि जेएलएन अस्पताल, फलोदी बस स्टैण्ड, मानासर चौराहा, गांधी चौक व पुराना बस स्टैण्ड आदि पांच स्थानों पर सुलभ संस्था की ओर से संचालन किया जा रहा है।

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प्रत्येक के रख-रखाव पर 6 हजार खर्च
परिषद की ओर से इन शौचालयों के रख-रखाव का ठेका प्रति शौचालय छह हजार रुपए में दिया हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित इन शौचालयों का उपयोग हो,इसको ध्यान में रखते हुए यहां लाइट कनेक्शन व पानी की आपूर्ति की व्यवस्था भी की जानी थी, लेकिन तीन साल बाद भी यह नहीं हो पाया। इन शौचालयों के बाहर पानी का हौद बनाया गया है जिसमें पानी तो है लेकिन शौचालय में पानी की आपूर्ति की सुविधा के अभाव में लोग बाल्टी से पानी निकालकर उपयोग में लेते हैं। होद कहीं खुले तो कहीं ढक्कन लगे हुए हैं। छह हजार रुपए में इसकी साफ-सफाई का ठेका होने के कारण ठेकेदार भी सफाई की औपचारिकता करते हैं।

शहर में शौचालय एक नजर में
45 वार्ड है शहर में
16 शौचालयों का हो रहा संचालन
11 का संचालन कर रही परिषद
05 का संचालन सुलभ के पास
10 लाख रुपए प्रत्येक की लागत

जल्द करवाएंगे समाधान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित व संचालित शौचालयों का लोग उपयोग कर रहे हैं। बिजली-पानी के कनेक्शन की समस्या का भी जल्द समाधान किया जाएगा।
जोधाराम विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद नागौर

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