नागौर

अभी नहीं खुल रही आंख, हादसा हो गया तो आएगी नहीं नींद, जानिए क्या है मामला

मृतकों को मुआवजा देने से अच्छा है, समय पर चेतकर मरम्मत का बजट दे दो’- एमसीएच विंग की मरम्मत के लिए पत्र लिखते-लिखते तीन किलो की हो गई फाइल, मगर बजट नहीं मिला- एमसीएच विंग के भवन निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला

नागौरMar 30, 2022 / 12:52 pm

shyam choudhary

Corruption case in MCH wing building construction

नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्तपाल की एमसीएच (मदर एंड चाइल्ड केयर) विंग के जर्जर भवन की मरम्मत कराने के लिए एक बार फिर पीएमओ ने जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। हालांकि भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े हुए एमसीएच विंग के भवन की मरम्मत को लेकर इससे पूर्व इतने पत्र लिखे जा चुके हैं कि कागजी कार्रवाई की फाइल का वजन तीन किलो से जयादा हो गया है। वहीं खतरे के साये में काम करने वाले एमसीएच विंग के चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उच्चाधिकारी अभी मरम्मत का बजट देने में आनाकानी कर रहे हैं, लेकिल जिस दिन हादसा होगा, उसके बाद हादसे में मरने वाले के परिजनों को इससे अधिक मुआवजा देना पड़ेगा। जैसा कि आमतौर पर होता आया है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने से अच्छा है, समय पर भवन की मरम्मत का बजट जारी कर दिया जाए, ताकि न हादसा हो और न फिर उसे ढंकने के लिए लीपापोती करनी पड़े।
देखते ही लगता है डर, अपने आप गिर रहा प्लास्टर
ठेकेदार ने एमसीएच विंग के भवन निर्माण में भ्रष्टाचार की हदें पार कर दी। एमसीएच विंग से पहले बने जेएलएन अस्पताल के भवन को अभी मरम्मत की आवश्यकता नहीं पड़ी, लेकिन एमसीएच विंग का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और बिना हाथ लगाए ही प्लास्टर गिर रहा है। कई स्थानों पर तो प्लास्टर गिरने के बाद ईंटें दिखाई देने लगी हैं, जो यह बता रही है कि हादसा किसी भी वक्त हो सकता है। गौरतलब है कि 4 मई 20217 को जेएलएन अस्पताल के पीएमओ को हस्तांतरित किया गया था। घटिया निर्माण के चलते एमसीएच भवन शुरू से ही विवादों में रहा। इसके बावजूद आज तक एनआरएचएम कार्यालय से बजट स्वीकृत नहीं किया गया है।
जिला कलक्टर ने फिर लिखा एनएचएम को पत्र
एमसीएच विंग के भवन की जर्जर हालत को लेकर मंगलवार को राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने पीएमओ को दुबारा पत्र लिखने के लिए कहा, जिस पर पीएमओ डॉ. महेश पंवार ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर अब तक जिला कलक्टर व एनआरएचएम के मिशन निदेशक को लिखे पत्रों का हवाला दिया तथा बताया कि अंतिम पत्र 25 फरवरी 2022 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर के निदेशक को लिखा गया था, जिसमें मरम्मत के सम्बन्ध में प्राप्त 1.51 करोड़ के तकमीना को भिजवाया था, लेकिन आज तक कोई प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं हुआ है।
पत्रिका ने खोली थी भ्रष्टाचार की पोल, फिर शुरू हुआ पत्र लिखने का सिलसिला
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने एमसीएच विंग के भवन निर्माण में बरती गई लापरवाही व किए गए भ्रष्टाचार को लेकर शुरू से ही समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकृषित किया था। 17 जून 2021 को पत्रिका ने एमसीएच विंग में छत का प्लास्टर गिरने की खबर प्रकाशित की। इसके बाद 23 जुलाई को एमसीएच विंग की ग्राउण्ड रिपोर्ट प्रकाशित कर हकीकत बताई। पत्रिका द्वारा बार-बार समाचार प्रकाशित करने पर तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इसको गंभीरता से लेते हुए 26 जुलाई को एनआरएचएम के मिशन निदेशक को पत्र लिखकर भवन की मरम्मत के लिए बजट की मांग की। कलक्टर ने पत्र में बताया कि उनके द्वारा एवं जेएलएन अस्पताल के पीएमओ द्वारा पूर्व में भी पत्र लिखे जा चुके हैं। अब जर्जर भवन से हादसे की आशंका बनी हुई है।
एनएचएम को लिखा है
एमसीएच विंग के भवन की मरम्मत के लिए एनएचएम को पत्र लिखकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया है।
– पीयूष समारिया, जिला कलक्टर, नागौर

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