सूत्रों के अनुसार आईआईएफएल कंपनी के मैनेजर सीकर निवासी महेंद्र को कोतवाली थाने में इस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराए करीब बीस दिन गुजर चुके हैं। वल्लभ चौक स्थित आईआईएफएल कंपनी सोने पर लोन देने का काम करती है। करीब पांच महीने पहले तकरीब डेढ़ दर्जन महिलाओं ने सोना गिरवी रख लोन उठाया। किसी ने दो लाख तो किसी ने पांच लाख। ऑडिट हुई पता पता चला कि माल ही नकली है, आभूषण पर सिर्फ लेप ही सोने का हैं। धोखाधड़ी करने वाले सभी खाताधारक कुम्हारी दरवाजे के रहने वाले हैं। महेंद्र ने अपनी रिपोर्ट में कांता देवी, गोमती राव, विजय राव, सुखाराम, चंद्रा, सुमन, शैनू, मो जिलानी, निर्मला सोनी आदि को नामजद कराया गया। इन सभी ने करीब सत्तर लाख का लोन उठा रखा है। किसी ने हार/नेकलेस/बाजू बंद रखा तो किसी ने अन्य जेवर। इन सभी पर सोने का लेप था, इन नकली जेवरों को गिरवी रखकर लोन देने का काम ब्रांच मैनेजर साक्षी ङ्क्षसघल के साथ कार्मिक मोहित पुरी व श्रवण बेनीवाल ने किया था। अब सोने की परख में गड़बड़ी कर लोन जारी करने वाले इन कार्मिकों पर कम्पनी के साथ पुलिस जांच में जुटी है।
पहले भी ऐसी ही गड़बड़ करीब दस महीने पहले नागौर में नग, चिड़े, धागा, मिना – मोती आदि का वजन भी सोने के जेवरात के साथ तोलकर ग्राहकों को लाभ पहुंचाया गया। उसमें भी लाखों रुपए की कंपनी को चपत लगी थी। इस कंपनी के आधा दर्जन कर्मचारी भी संदेह के दायरे में आए थे। मामला ग्राहक को फायदा पहुंचाने के लिए कंपनी के अधिकारी सहित कई कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ था। इसमें कर्मचारियों पर निर्धारित नियम और शर्तों के विपरीत जाकर अपने ग्राहकों को नाजायज लाभ पहुंचाया गया। इसमें भी लाखों का घपला था।