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नागौर

करोड़ों खर्च फिर भी सरपट नहीं दौड़ रहे वाहन

रुडिप ने करोड़ों रुपए खर्च कर किया था जोधपुर-बीकानेर बाइपास सडक़ का निर्माण

नागौरOct 25, 2018 / 05:15 pm

Anuj Chhangani

nagaur news

करोड़ों खर्च फिर भी सरपट नहीं दौड़ रहे वाहन

नागौर. राष्ट्रीय राजमार्ग-65 पर जोधपुर-बीकानेर बाइपास सडक़ के पुनर्निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार द्वारा सडक़ खोदकर बीच में छोड़ देने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। करीब तीन साल पूर्व रुडिप के ठेकेदार द्वारा बनाई गई सडक़ लम्बे समय तक नहीं चल पाई और जगह जगह से उखड़ गई। इससे गड्ढ़े होने से कई बार वाहन चालक चोटिल हुए। इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बाइपास सडक़ की मरम्मत कराने के लिए दूसरे ठेकेदार को ठेका दिया, लेकिन ठेकेदार ने काम बीच में छोड़दिया। ठेकेदार की लापरवाही का खमियाजा वाहन चालकों एवं दुकानदारों व स्थानीय निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। शहर के कृषि मंडी तिराहे से जोधपुर बाइपास तक भारी वाहनों के साथ दुपहिया व हल्के चार पहिए वाहन चालकों का रात-दिन आवागमन रहता है। उन्हें इन दिनों भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गंभीर बात यह है कि जब कभी मुख्यमंत्री या किसी मंत्री का दौरा होता है तो ठेकेदार रातों रात सडक़ें बनाकर तैयार कर देते हैं, लेकिन वर्तमान में जोधपुर-बीकानेर बाइपास रोड की सर्जरी का कार्य पिछले दो माह से अधूरा पड़ा है, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है।

वाहन चालक गुमराह
सडक़ को ठीक करने के लिए संकेतक के रूप में दो जगह बोर्ड रखे हुए हैं जो वाहन चालकों को गुमराह कर रहे हैं। एक तरफ जहां मानासर फाटक पर आरओबी निर्माण कार्य को लेकर बाइपास चौराहे पर बड़े बड़े संकेतक बोर्ड रखे हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर टूटी सडक़ के कारण वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है। आरओबी निर्माण के कारण जोधपुर व ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले वाहनों के लिए बाइपास ही एकमात्र रास्ता है, जो जगह जगह से टूटा होने के कारण यात्री हिचकोले भरा सफर करने को मजबूर हैं।

करोड़ों पानी में बह गए
करीब तीन साल पहले लगभग ग्यारह करोड़ रुपए की लागत से बनी जोधपुर-बीकानेर बाइपास रोड की सर्जरी की जा रही है। रुडिप की ओर से किया गया 4.2 किमी लंबी फोरलेन बाइपास का निर्माण कार्य शुरू से ही विवादों में रहा और सडक़ बनने से पहले ही उखड़ गई।

अनदेखी की हद पार
सडक़ के दुरूस्तीकरण को लेकर दो माह पूर्व सडक़ के ऊपर का डामर हटाकर केवल औपचारिकता पूरी की गई, इससे बारिश के मौसम में सडक़ फिर टूट गई तथा निर्माण के लिए उधेड़ कर रख दी गई, जिससे पूरे दिन धूल उड़ती रहती है, जो स्थानीय निवासियों, वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बाइपास स्थित होटल संचालक ताराचंद व पुसाराम भाटी ने बताया कि दो महीने से सडक़ टूटी होने से दिनभर धूल उड़ती रहती है, सडक़ के लिए बिछाई गई रोड़ी के पत्थर ट्रकों के पहियों से उछलकर दुकानों पर लगते हैं। होटल में रखी सारी सामग्री धूल से खराब हो जाती है। मानासर व बीकानेर फाटक पर आरओबी निर्माणाधीन होने से पूरा ट्रेफिक बाइपास पर डायवर्ड हो गया है।

बनते ही उखड़ गई थी सडक़
निर्माण में खामियों के चलते सडक़ जगह-जगह से धंस गई थी, जिसके चलते आए दिन हादसे होते रहते थे। क्षतिग्रस्त सडक़ को लेकर मिल रही शिकायतों के कारण मरम्मत के लिए निविदा जारी की गई। इसके लिए रुडिप के माध्यम से सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को इस सडक़ की मरम्मत के लिए 99 लाख रुपए का बजट दिया है। सडक़ की मरम्मत का कार्य लम्बे समय से अधूरा पड़ा है।

तीन किमी में चार जगह अवरोधक
बासनी चौराहे से जोधपुर बाइपास के बीच तीन किमी की दूरी है। वहां पर सडक़ का कार्य दो किमी में चल रहा है, जिसमें रीको के सामने, शीतला माता मंदिर के पास एक तरफ सडक़ निर्माण के लिए तोड़ दी गई, जो पूरी करने से पहले ही सेन्ट जिवियर्स स्कूल के पीछे तथा मेला मैदान के पास फिर सडक़ को उधेड़ दिया गया। इससे उड़ रही धूल से बचने के लिए साइड बदलने से वाहन चालक असमझस की स्थिति में कई बार आमने सामने हो जाते हैं।

जल्द शुरू करवाएंगे काम
बाइपास मरम्मत का काम जिस ठेकेदार को सौंपा था, वह बीच में काम छोडकऱ चला गया। अब दूसरे ठेकेदार को ठेका दिया है, वह एक-दो दिन में काम शुरू कर देगा।
श्रवणकुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, नागौर

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