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नागौर

बेरोजगार हो गए दैनिक मजदूर, अब रोजी-रोटी का संकट

वंचित तबके को राहत की जरूरत, सहायता मांगी, विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन, कहा लॉक डाउन में मुश्किल से हो रहा गुजारा

नागौरMay 18, 2020 / 09:20 pm

Jitesh kumar Rawal

बेरोजगार हो गए दैनिक मजदूर, अब रोजी-रोटी का संकट

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नागौर. लॉक डाउन में कई लोग राहत से वंचित है। उनकी सहायता के लिए कई हाथ आगे आ रहे हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर ठोस रूप से राहत नहीं मिल रही है। इनके लिए मुख्यमंत्री से राहत की मांग की गई है। विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन भेज कर सहायता मांगी है। (LOCK DOWN 4.0)
सिलाई से रोजगार चलाने वालों को सहायता की दरकार
नामदेव टाक क्षत्रिय छीपा दर्जी समाज ने विशेष श्रेणी के परिवारों में नामदेव दर्जी समाज के लोगों को भी शामिल किए जाने की मुख्यमंत्री से मांग की है।
अध्यक्ष लादूराम टाक ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में राहत सामग्री के लिए दैनिक रूप से विभिन्न कार्यों से जुड़े लोगों को खाद्यान्न सहायता योजना में शामिल करने की सूची जारी की है, लेकिन इसमें सिलाई से रोजगार चलाने वालों को शामिल नहीं किया है। अन्य पिछड़ा वर्ग में आने वाले दर्जी समाज के लोग लॉक डाउन के कारण दो माह से बेरोजगार है। कई लोगों ने महामारी में सहायता करते हुए निशुल्क मास्क आदि बनाकर भी वितरित किए हैं। धंधा चौपट हो जाने से इनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट है। निशुल्क खाद्यान्न सहायता योजना में दर्जी समाज को भी शामिल कर राहत देने की दरकार है।
स्वर्णकार कारीगरों को राहत पैकेज की मांग
पिछले करीब दो माह से लॉक डाउन में स्वर्णकार व्यवसाय की दुकानें बंद होने के कारण इससे छोटे एवं मध्यम कारीगरों की आर्थिक स्थिति में नुकसान हो रहा है। भाजयुमो ने इसमें राहत प्रदान करने के लिए विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्वेलर्स की दुकानें सुरक्षा के उपायों के साथ सीमित समय के लिए खुलवाने तथा मध्यम एवं छोटे कारीगरों को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की।
भाजयुमो महामंत्री दीपक सोनी ने बताया कि लॉक डाउन में अब धीरे धीरे राहत दी जा रही है, लेकिन स्वर्णकारी कार्य करने वाले दुकानदारों के प्रतिष्ठान बन्द है। ऐसे में रोज दुकान खोलकर कमाकर खाने वालों पर संकट की स्थिति आ चुकी है। आगे भी कम से कम 4 महीनों तक कोई शादी ब्याह नहीं होने के कारण स्थिति खराब रहेगी। कामकाज ठप होने से इन परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। सरकार ने हर वर्ग को कुछ ना कुछ दिया है परन्तु स्वर्णकारी कार्यों से जुड़े कारीगरों को कोई राहत नहीं दी है। सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी कर सुरक्षा के नियमों की पालना करवाते हुए स्वर्णकार दुकानदारों को दुकानें खोलने में राहत देनी चाहिए। साथ ही कामकाज ठप्प होने की वजह से आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण प्रत्येक परिवार को दस हजार रुपए आर्थिक सहायता दिलवाई जाएं, ताकि इन परिवारों का जीवनयापन सुचारू रूप से चल सके।
कच्ची बस्ती के बाशिंदों को राहत का इंतजार
शहर में कच्ची बस्ती के बाशिंदों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है। साथ ही लॉक डाउन में काम-धंधा भी बंद है। ऐसे में मजदूर वर्ग के लोग भारी समस्या उठा रहे हैं। पार्षद संजू कच्छावा ने विधायक मोहनराम चौधरी व जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या- 42 बड़ली क्षेत्र में गरीब एवं मजदूर परिवारों के मकान है, जिनमें से कई परिवारों को राशन सामग्री नहीं मिल रही है। लॉक डाउन के कारण करीब दो माह से यह लोग घरों में बैठे हैं इनमें से कई लोग कमठा व दुकानों पर मजदूरी, खेती एव ठेले चलाने वाले नाई, जूती चप्पल बनाने का कार्य करने वाले तथा सभी प्रकार के मजदूरी का काम करने वाले श्रमिक इस वार्ड में निवास करते हैं। ये परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सूची में शामिल नहीं है इसलिए राशन सामग्री से वंचित रह जाते हैं। मजदूरों की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है। इन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वा कर नियमित रूप से राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि इनको राहत मिल सके। जिला कलक्टर को भेजे गए ज्ञापन में मांग रखी कि पटवारी व पार्षद से जांच करवा कर पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जाएं।

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