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नागौर

अब निजी हॉस्पिटलों को देनी पड़ेगी डेंगू, मलेरिया व स्वाइन फ्लू के इलाज की सूचना

घर में मिला लार्वा तो भी लग सकता जुर्माना, डेंगू, मलेरिया व स्वाइन फ्लू सूचिबद्ध बीमारियों में शामिल

नागौरJun 14, 2018 / 11:51 am

Sharad Shukla

Nagaur patrika

Dengue, malaria and swine flu treatment,s information

नागौर. निजी चिकित्सा संस्थान अब डेंगू, मलेरिया व स्वाइन फ्लू आदि की जांच सामान्य कार्ड से नहीं कर सकेंगे। इसकी पुष्टि होने पर ऐसे संस्थानों को यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को देनी पड़ेगी। विभाग की ओर से केवल एलाइजा किट से इन बीमारियों की पुष्टी की जा सकेगी। ऐसा नहीं किए जाने पर संबंधित चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ 500 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सका है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू, मलेरिया एवं स्वाइन फ्लू के नाम पर ज्यादातर मामलों में पीडि़त को भ्रमित करने का काम किया जाता है। निजी संस्थानों की ओर से की गई जांच के कई प्रकरण उच्च स्तरीय जांच में गलत साबित हुए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने अब डेंगू, मलेरिया व स्वाइन फ्लू को सूचिबद्ध बीमारियों (नोटिफायेबल डिजीज) में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही अब ऐसी बीमारियां गैर सरकारी चिकित्सा संस्थान, क्लिनिक व लैब में चिन्हित होने पर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को तुरंत देनी होगी।
स्वास्थ्य विभाग कभी भी कर सकेगा जांच
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के नेतृत्व में टीमें गठित कर किसी भी परिसर में प्रवेश कर फ ीवर सर्विलेंस, एंटीलार्वल गतिविधियों और इन बीमारियों की रोकथाम के लिए दवा छिडक़ाव कर सकेंगे। संभावित रोगी की ब्लड स्लाइड, घर में पानी इकठ्ठा मिलने पर एंटीलार्वल गतिविधियां कर सकेगा। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पाबंद किया गया है कि वे भी नियमित एंटीलार्वल गतिविधियां गंभीरता से करें। किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्देश हुए जारी
राज्य सरकार ने राजस्थान एपिडेमिक अधिनियम 1957 के तहत डेंगू, मलेरिया व स्वाइन फ्लू को राज्य सरकार ने अधिसूचित कर नोटिफि केशन जारी कर दिया है। अब यदि लैब, क्लिनिक या चिकित्सालय प्रबंधक ये बीमारियां चिन्हित होने पर इसकी सूचना विभाग को नहीं देते हैं, तो आईपीसी की धारा 181 के तहत पांच सौ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। बीमारी की पुष्टि केवल एलाइजा किट से ही मानी जाएगी और इसके लिए निजी केंद्र ब्लड सैंपल चिकित्सालय में भेजेंगे। मलेरिया व डेंगू की जांच के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करना आवश्यक होगा। अब कोई भी लैब संचालक या चिकित्सा संस्थान किसी कार्ड आदि से जांच कर बीमारी की पुष्टि नहीं कर सकेगा।
सीएमएचओ कहिन…
&सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि निजी प्रयोगशालाएं या चिकित्सा संस्थान डेंगू, मलेरिया एवं स्वाइन फ्लू की पुष्टी खुद के स्तर पर अधिकारिक तौर पर नहीं कर सकेंगे। इसकी पुष्टी उनकी ओर से सूचना दिए जाने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आवश्यक प्रक्रियाओं के बाद ही की जा सकेगी। ऐसा नहीं किए जाने पर विभाग कार्रवाई कर सकेगा।

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