scriptजिम्मेदारों की बेपरवाही से आयुर्वेदिक केन्द्रों के बिगड़े हालात | Deteriorating condition of Ayurvedic centers with regardless of respon | Patrika News
नागौर

जिम्मेदारों की बेपरवाही से आयुर्वेदिक केन्द्रों के बिगड़े हालात

जिले के 161 चिकित्सालयों में कुल 180 पद खाली, एसएमओ प्रथम, द्वितीय, नर्स, कंपाण्डर एवं परिचारकों की लंबे से तैनातगी नहीं होने से केन्द्रों को बमुश्किल खोलकर चलाया जा रहा काम

नागौरMay 16, 2019 / 12:32 pm

Sharad Shukla

Nagaur patrika,Deteriorating condition of Ayurvedic centers with regardless of respon

Deteriorating condition of Ayurvedic centers with regardless of respon

नागौर. असाध्य बीमारियों के खिलाफ सफलतापूर्वक कारगर सिद्ध होने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को सरकार ने यूं ही लावारिश छोड़ दिया है। इनमें प्रधान चिकित्सक, प्रथम, द्वितीय के चिकित्सकों एवं नर्स आदि सहित कुल 180 पर खाली हैं। यह स्थिति चार से पांच सालों से बनी हुई है। विभागीय जानकारों का कहना है कि चार दर्जन ज्यादा केन्द्रों को जुगाड़ के सहारे संचालित करने से हालात बिगड़ चुके हैं।
जिले में कुल 161 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली रहने के कारण अब इसमें रोगी भी आने बचने लगे हैं। वजह विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं नहीं मिल पाना बताई जाती है। स्थिति का आंकलन इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में ए श्रेणी के नागौर, मेड़ता, लाडनू, मेड़तासिटी, खजवाना, सांजू एवं लादडिय़ा में हॉस्पिटल हैं। इनमें वरिष्ठ चिकित्साधिकारी की तैनातगी होनी चाहिए थी, लेकिन लंबे समय से नहीं की गई है। ए श्रेणी के हॉस्पिटल में लगभग सभी असाध्य में महिला रोगों से जुड़ी बीमारियों के चिकित्सा व्यवस्था होनी चाहिए। इसके बाद भी तैनातगी के नाम पर केवल आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी से ही बमुश्किल काम चलाया जा रहा है। आयुर्वेद के प्रति जिम्मेदारों की बेपरवाही के चलते ही वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के स्वीकृत पदों को लंबे समय से भरा नहीं गया है। इसमें सृजित हुए सभी पद खाली चल रहे हैं।
नातगी नहीं होने से बिगड़ी स्थिति
विभागीय अधिकारियों के अनुसार आयुर्वेद की दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होने के साथ ही यह विभिन्न प्रकार की असाध्य बीमारियों का इलाज केवल विशेषज्ञों व वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के अभाव में नहीं हो पा रहा है। केन्द्रों में रोगी तो आते हैं, लेकिन उन्हें वरिष्ठों की सेवाएं व परामर्श नहीं मिल पाने के कारण उन पर प्रभाव भी गलत पड़ता है। इसकी वजह से आयुर्वेद की सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पडऩे लगा है।
इनका कहना है…
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के पदों के खाली होने की वजह से स्थिति सही नहीं है। खाली पदों पर संबंधित की तैनातगी करने से हालात सुधर सकते हैं।
वासुदेव सिखवाल, उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग नागौर

Home / Nagaur / जिम्मेदारों की बेपरवाही से आयुर्वेदिक केन्द्रों के बिगड़े हालात

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो