रामधाम देवल में बरसी महोत्सव के अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु
– ब्रह्मलीन पूर्व पीठाचार्य डॉ. हरिनारायण शास्त्री के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा व चरण पादुकाएं स्थापित- दरियाव नगरी में चारों ओर से श्रद्धालुओं का रैला
-बरसी मेले में पहुंचे नरायणा, सिंथल, शाहपुरा, खेड़ापा धाम के पीठाचार्य सहित दादूपंथी,कबीर पंथी, रामस्नेही संतजन
रेण. सत्संग भवन में धर्म सभा को संबोधित करते रेण पीठाचार्य व मौजूद श्रद्धालु।
रेण. यहां लाखासागर के तट पर स्थित रामधाम देवल में अखिल भारतीय रामस्नेही संप्रदाय के ब्रह्मलीन पूर्व पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. हरिनारायण शास्त्री के प्रथम बरसी महोत्सव व मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
आठ दिवसीय धार्मिक उत्सव के अंतिम दिन रेण पीठाधीश्वर आचार्य सज्जनराम महाराज के सानिध्य में नरायणा, सींथल, शाहपुरा, खेड़ापा रामस्नेही पीठ के पीठाचार्यो सहित संतों का बंधावना, पूर्व पीठाचार्य की चरण पादूका की स्थापना, नवनिर्मित मंदिर प्राण प्रतिष्ठा व पाटोत्सव, सत्संग, प्रवचन सहित कई कार्यक्रम हुए। काफी संख्या में रामस्नेही, दादूपंथी, कबीर पंथी संतों सहित दूर-दराज के श्रद्धालु मौजूद थे।रामधाम देवल के उत्तराधिकारी संत बस्तीराम शास्त्री ने बताया कि सुबह बैंड-बाजों के साथ दादू सम्प्रदाय नरायणा पीठ के पीठाधीश्वर गोपालदास महाराज, रामस्नेही संप्रदाय सींथल पीठाचार्य क्षमाराम महाराज, शाहपुरा पीठाचार्य रामदयाल महाराज,खेड़ापा पीठाचार्य पुरूषोत्तमदास महाराज, रेण पीठाधीश्वर सज्जनराम महाराज का उन सहित नौखा चांदावता के त्यागी संत रामप्रकाश महाराज, डेह रामद्वारा के उत्तराधिकारी श्रीराम महाराज, राममनोहरदास महाराज पोपावास, श्रवणराम महाराज जोधपुर ने तिलक लगा बंधावणा किया। पीठाचार्यो ने दरियाव महाराज के मुख्य मंदिर में मथा टेक परिक्रमा लगाई। इसके बाद रामधाम देवल के सामने बने नवनिर्मित मंदिर में ब्रह्मलीन डॉ. हरिनारायण शास्त्री की चरण पादुका स्थापित कर पूजा-अर्चना व आरती की। इस दौरान मंदिर में मौजूद संतों व श्रद्धालुओं ने दरियाव महाराज व हरिनाराण महाराज के गंगनवेदी जयकारे लगाए।
पीठाचार्यो ने किया धर्मसभा को संबोधित मुख्य सत्संग भवन में दोपहर में आयोजित धर्म सभा में नरायणा पीठ के आचार्य गोपालदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन आचार्य ने अपने संपूर्ण जीवन काल में प्रदेश भर में रामस्नेही संप्रदाय व रामनाम का प्रचार-प्रसार किया। अपनी मीठी वाणी व शीतल आचरण से आचार्य ने श्रद्धालुओं के ह्रदय में जगह बनाई। रेण पीठाचार्य सज्जनराम महाराज ने कहा कि गुरूवर के बताए मार्ग पर चल कर रामस्नेही संप्रदाय व राम नाम को बढ़ाते हुए जन कल्याण करना है। इस दौरान डेह महंत आन्नंदीरामाचार्य, दरियाव खेजड़ा आश्रम के संत पांचाराम , चाडी मंहत रामभरोस , संत श्रवणराम जोधपुर, टांकला के मंहत मोतीराम , मंहत रामनिवास भोजास, संत सीताराम बासणी, मंहत मांगूदास भोपालगढ, महंत सुखदेवदास बिदासर, रामधाम देवल मेड़ता रामकिशोर , उत्तराधिकारी रामनिवास महाराज, श्रद्धालु पूर्व एडवोकेट हेमाराम बेडा, नारायणराम जाखड भीखाराम अजनबी, रामनिवास डूकिया, बंशीलाल जावली, राजेन्द्र पायला, डॉ. अनिल उपाध्याय, दीनदयाल बंग मौजूद थे।
श्रद्धालुओं की रेलमपेलमहोत्सव के अंतिम दिन रामधाम देवल पहुंचने के लिएश्रद्धालुओं की रेलमपेल लगी रही। मुख्य रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, रामधाम देवल के बायपास सडक़ मार्ग सहित कस्बे के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु नजर आ रहे थे। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात थी। देवल के चारों ओर दो किलोमीटर पहले ही वाहनों की रोक लिया गया। सभी अधिकारी व श्रद्धालु का पैदल ही मंदिर पहुंचे। दरियाव ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं व संतों के लिए कूलर व शीतल जल की माकूल व्यवस्था की गई।
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