सूत्र बताते हैं कि जिला आबकारी विभाग का शराब के ठेकेदारों पर बकाया करीब 53 करोड़ पहुंच गया है। इसमें अकेले अयोध्या के बाहुबली रहे राजेश निगम का करीब 24 करोड़ है। करीब बीस साल से इस बकाया की वसूली का प्रयास चल रहा है, लेकिन कामयाबी अब तक नहीं मिली। तीन बार की भागदौड़ तक कारगर नहीं हो पाई। वैसे तो यह बकाया पेनल्टी/ब्याज समेत सौ करोड़ से ऊपर चला गया, लेकिन एमनेस्टी योजना के तहत मामले को बकाया 24 करोड़ में ही सुलटाने की कोशिश की जाएगी। बकायादार की सम्पत्ति नीलाम करने की उत्तरप्रदेश सरकार की कवायद भी रंग नहीं ला पाई। विज्ञापन के बाद भी कोई खरीदार नीलामी में पहुंचा तक नहीं है। बाहुबली निगम ने वर्ष 1999 से 2001 तक पूरे नागौर जिले का ठेका लिया था, ठेका पूरे दो साल नहीं चला पाया। एक साल बाद किस्त नहीं देने पर यह ठेका निरस्त कर दिया गया। उसकी धरोहर राशि करीब पांच करोड़ जब्त कर ली गई। उसके बाद निगम गायब हो गया। वर्ष 2006 में उसकी मौत हो गई। उसके बाद नागौर के आबकारी विभाग ने उसकी पत्नी रितु और पुत्र ईशान से कई बार सम्पर्क और पत्र व्यवहार किया। नोटिस भी भेजा। वसूली के तहत अयोध्या के अलका टॉवर की नीलामी भी होनी थी, जो नहीं हो पाई। अब वास्तविक बकाया वसूलने का प्लान है।
अयोध्या फिर जाएंगे अरोड़ा
सूत्रों के मुताबिक सहायक आबकारी अधिकारी तरुण अरोड़ा जल्द ही अयोध्या जाएंगे। इसके लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है। वे अलका टॉवर की नीलामी की स्थिति जांचेंगे, साथ ही वहां की सरकार को इस संबंध में मामला निस्तारित करने का प्रस्ताव सौंपेंगे।
इनका कहना
बीते वित्तीय वर्ष के 79 ठेकेदारों पर 26 करोड़ का बकाया है, इन्हें अंतिम नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बाद उनकी सम्पत्ति कुर्क की जाएगी। कुछ पुराने बकायादारों की सम्पत्ति नीलाम हो रही है तो बाहुबली राजेश निगम पर भी 24 करोड़ का बकाया है। उसके अयोध्या स्थित टॉवर की नीलामी के साथ वसूली के लिए जल्द ही आबकारी अधिकारी तरुण अरोड़ा को वहां भेजा जाएगा।
मोहनराम पूनिया, डीईओ नागौर