इस संबंध में शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में नामांकन अभियान में लक्ष्य पूर्ति नहीं कर पाने वाले विद्यालयों के संस्था प्रधानों को दूसरे चरण में पूर्व में प्राप्त लक्ष्य की पूर्ति भी इस चरण में करनी पड़ेगी, लेकिन कैसे…? इसका जवाब शिक्षाधिकारियों के पास नहीं मिल पाया। हालांकि पूर्व में शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से ही निर्देश जारी हुए थे कि अधिकारी केवल चेंबरों में बैठकर ही नामांकन अभियान की समीक्षा नहीं करेंगे, बल्कि वह स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। इसकी पालना भी कितने अधिकारियों ने की, का जवाब देने की जगह अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। जिला मुख्यालय पर तैनात शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भारी-भरकम फौज ने नामांकन अभियान के पहले चरण में किन-किन जगहों का स्थलीय निरीक्षण किया, और कहां पर इन्होंने जांच की, जांच की तो, क्या दिशा-निर्देश दिए, आदि बिंदुओं पर भी शिक्षा विभाग के अधिकारी जवाब देने की जगह कन्नी काट गए। दूसरे चरण में भी यही हुआ तो फिर निश्चित रूप से नामांकन अभियान एक बार फिर से कागजी आंकड़ों के खानापूर्ति की भेंट चढ़ जाएगा।
बालसभाएं होंगी, पीले चावल बाटेंगे
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार दूसरे चरण में सोमवार से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नामांकन अभियान के लिए निर्धारित कार्यक्रमों के तहत काम किए जाने का दावा शिक्षा विभाग के अधिकारी करने में लगे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों एवं अध्यापकों की बुलावा टोली न केवल बच्चों के पास पहुंचेगी, बल्कि उनका स्कूलों में स्वागत भी शानदार तरीके से होगा।
अधिकारी कहिन…
जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिराम भाटी का कहना है कि दूसरे चरण का नामांकन अभियान सोमवार से शुरू हो जाएगा। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देश दिए जाने के बाद अधिकारी कितनी जगहों का निरीक्षण करेंगे, सवाल का जवाब नहीं मिल पाया।