सूत्रों के अनुसार मामला गत 14 अप्रेल का है। हाउसिंग बोर्ड निवासी नारायण (26) मोटरसाइकिल से घर जा रहा था। इस दौरान कोतवाली थाना पुलिस ने पकडकऱ उसके पास से 17 बीयर बरामद की और युवक को थाने ले आए। बीयर के साथ मोटरसाइकिल जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। करीब तीन घंटे बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उसे कोर्ट में पेश कर जमानत दे दी। क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी थे कि पांच साल से कम सजा वाले मामलों के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाए, जो जेल में बंद हैं, उन पर दूसरे मामले नहीं हों तो जमानत कराई जाए। युवक मोटरसाइकिल-बीयर छोडकऱ घर चला गया।
रिपोर्ट में यह हुआ दर्ज
सूत्रों के अनुसार दर्ज मुकदमे में बताया गया कि मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक भारी मात्रा में शराब लेकर जा रहा है। इस पर कोतवाली थाना पुलिस की टीम वहां पहुंची, पुलिस को देखकर युवक भागने लगा तो पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया और उसे थाने ले गए। नारायण ने वहां काफी मिन्नत की पर उसकी सुनी नहीं गई। जैसे-तैसे वो कानूनी ढील के चलते वहां से निकल लिया।
15 लीटर बीयर की आजादी
सूत्रों के अनुसार आबकारी अधिनियम के अनुसार एक व्यक्ति स्वयं के उपभोग के लिए 15 लीटर यानी 23 बीयर बोतल रख सकता है, जबकि नारायण के पास बरामद बीयर तो करीब साढ़े ग्यारह लीटर थी। यही नहीं कोई भी व्यक्ति अपने लिए नौ लीटर अंग्रेजी शराब, तीन लीटर देसी शराब, 12 लीटर वाइन, 9 लीटर विदेशी शराब के अलावा सौ ग्राम भांग तक रख सकता है। बशर्ते वह इसे बेचे नहीं। बेचने पर एक बोतल भी अपराध के लिए पर्याप्त है।
मोटरसाइकिल छुड़ाने गया तब पता चला
सूत्र बताते हैं कि बाइक छुड़ाने के लिए युवक शुक्रवार को पहले कोतवाली थाने गया, यहां से मामले का मजमून थमा कर उसे आबकारी विभाग भेजा गया। नारायण जब जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया के पास पहुंचे तो रिपोर्ट पढकऱ वे चौंक गए। उन्होंने कहा कि बीयर की इस मात्रा में तो अपराध ही नहीं बनता। असल में शराब संबंधी जब्त हल्के वाहन आबकारी विभाग में जुर्माना जमा कराने के बाद रिलीज किए जाते हैं। ऐसे में नारायण से जमानती पेश करने को कहा। ऐसे में जब्त शराब अपराध की श्रेणी में नहीं आने के बाद भी नारायण को परेशान होना पड़ा। करीब दो महीने से मोटरसाइकिल थाने में खड़ी रही और 17 बीयर के साथ खुद की मानहानि हुई सो अलग।
ऊपर-ऊपर ही रफा-दफा
सूत्रों का कहना है कि कम मात्रा में बीयर पर अपराध बनाने का यह पहला मामला है पर कम शराब मिलने पर धमकाकर वसूली आम बात हो गई है। कई बार स्वयं के उपभोग के लिए ले जाने वाली शराब को बेचने की कहकर फंसाने की धमकी दी जाती है। ऐसे में अवैध शराब के कारोबार के बीच साधारण लोगों को भी पुलिस का इस तरह शिकार होना पड़ता है।
इनका कहना है…
17 बोतल स्वयं के उपभोग के लिए रखना या ले जाना अपराध नहीं है। इस संबंध में बिना जुर्माना किसी जमानती के दस्तावेज रखने के बाद बाइक छोड़ दी जाएगी। शराब बेचना अवैध है, भले ही वो एक बोतल हो या हॉफ। स्वयं के उपभोग और रखने के लिए सीमा तय है।
-मोहनराम पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी, नागौर