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नागौर

किसानों की दिवाली पर अकाल का साया

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नागौरOct 29, 2018 / 12:01 am

Ravindra Mishra

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Famine

सवाईसिंह हमीराणा
खींवसर। इस वर्ष बुवाई के बाद देरी से एवं कम बरसात के कारण क्षेत्र में करीब सवा 15 करोड़ की फसलें जमींदोज होने का अनुमान है, वहीं एक लाख हेक्टेयर पर बोई गई फसलें बारिश के अभाव में प्रभावित हुई है। अकाल की काली छाया ने करीब 29 हजार 424 की जनसंख्या एवं 11 हजार 579 पशुओं पर कहर बरपाया है। राजस्व कर्मियों द्वारा तैयार की गई गिरदावरी रिपोर्ट ने इन हालातों का खुलासा किया है। हालांकि प्रशासन इस रिपोर्ट को राज्य सरकार के पास भेजेगा, लेकिन पिछले वर्ष भी अकाल से लड़ चुके ग्रामीणों को सहायता में हुई देरी से उन्हें सरकार से राहत की उम्मीद कम नजर आ रही है। करीब 12 गांवों में भीषण अकाल से एक लाख चार हजार हेक्टेयर भूमि पर बोई गई फसलें चौपट होने के कारण इस बार क्षेत्र के किसानों की दिवाली बेरौनक रहेगी। तहसील क्षेत्र के 10 गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है। दो गांवों में 33 से 50 प्रतिशत फसलों में खराबा आंका गया है। इन गांवों में चारे, पानी व रोजगार को लेकर स्थितियां गम्भीर होगी।

फैक्ट फाइल

प्रभावित किसान 5883
प्रभावित जनसंख्या 29424

प्रभावित पशुधन 11579
प्रभावित रकबा एक लाख चार हजार ग्यारह हेक्टेयर

फसल नुकसान की कीमत 15 करोड़ 29 लाख 50 हजार

यह मिलेगा अनुदान
राजस्व विभाग ने 12गांवों में पड़े अकाल से खराब हुई खरीफ की फसलों को लेकर किसानों की पीड़ा पर मरहम लगाने के लिए करीब 6 करोड़ 84 लाख रुपए का अनुदान मांगा है। यहां दो हेक्टेयर तक भूमि धारक 2695 काश्तकारों के लिए एक करोड़ 64लाख 83 हजार 200 रुपए व दो हेक्टेयर से अधिक भूमि के प्रभावित 3188 किसानों के लिए चार करोड़ 33 लाख 56 हजार 800 रुपए का अनुदान दिलाने के लिए रिपोर्ट भेजी है।

चोली दामन का साथ
रेगिस्तानी इलाके के कई गांवों का अकाल से चोली दामन का साथ रहा है। इनमें सुदूर ढाणियों में बसे गांवों में अच्छे जमाने में भी वर्षभर खाने का अनाज पैदा नहीं होता। हर तीसरा वर्ष यहां भीषण अकाल के रूप में आता है। इस वर्ष भी कई गांवों में अकाल ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। समय रहते सरकार ने राहत के उपाय नहीं किए तो स्थिति गम्भीर होगी। पशुपालन पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों को यहां चारा व पानी की समस्या सताने लगी है।

इन गांवों में अकाल

बैरावास, ताडावास ,खोडवा, हरीपुरा, भावण्डा,चरडा,
माडपुरा,दुजासर,शिवपुरा,भेड़,ढींगसरा,नन्दवाणी।

राहत का इन्तजार

राजस्व विभाग ने तो गिरदावरी रिपोर्ट में 12 गांवों में अकाल की विभीषिका की तस्वीर साफ कर दी है, लेकिन ग्रामीणों को अब सरकार से मिलने वाली राहत का इंतजार है। प्रशासन भी सरकार द्वारा मिलने वाले निर्देशों के बाद ही राहत देने की बात कह रहा है।
भेजी रिपोर्ट

पटवारियों से प्राप्त गिरदावरी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। करीब चार पंचायतों के गांवों में अकाल के हालात है। अब सरकार के निर्देश पर ही राहत के अग्रिम प्रयास किए जाएंगे।
-पदमाराम भाकल, भू अभिलेख निरीक्षक

मिलेगी राहत
गांवों में अकाल को लेकर हमने प्रशासन से शीघ्र अनुदान राशि दिलवाने की मांग की है, ताकि पीडि़त किसानों को राहत मिले तथा सरकार केन्टीजेन्सी प्लान तैयार कर राहत दिलाने के प्रयास करें।

-बंशीलाल लेगा, डायरेक्टर नागौर डेयरी
हालात खराब

इस बार समय पर बारिश नहीं होने के साथ अपर्याप्त बारिश से किसानों की फसलें तबाह हो गई। हालात यह है कि पशुओं के लिए चारा तक नहीं है। सरकार एवं प्रशासन को अधिकाधिक राहत दिलाने के प्रयास करने चाहिए।
-बाबूलाल भदेरचा, जनप्रतिनिधि माडपुरा

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