राजस्थान के नागौर में नगर परिषद की शहरी जलप्रदाय योजना में जेईएन बनकर बिल पास कर रहे फीटर।
नागौर•Jan 24, 2018 / 06:34 pm•
Dharmendra gaur
nagar Parishad Nagaur
नागौर. शहरी सरकार के अधीन चल रही शहरी जलप्रदाय योजना में फीटर द्वारा जेईएन की हैसियत से बिलों का सत्यापन करवाकर भुगतान करने का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि सरकार ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में तकनिकी कार्यों के लिए आरपीएससी द्वारा विधिवत भर्ती प्रक्रिया पूरी कर कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति की है, जबकि उनका कार्य फीटर कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नागौर में सामने आया है, जिसमें सहायक अभियंता ने फीटर को जेईएन का कार्य भार सौंप दिया। यहां तक कि फीटर ने जेईएन की हैसियत से हस्ताक्षर कर बिलों का सत्यापन भी कर दिया।
एईएन ने दिया कार्यभार
नगर परिषद की ओर से उपभोक्ताओं को भेजे जाने वाले बिल प्रिंट करने के लिए ठेका दिया है जबकि वितरण विभाग खुद अपने स्तर पर करवाता है। सूत्रों के अनुसार गत वर्ष बिलों के सत्यापन की एमबी पर फीटर ने जेईएन की हैसियत से हस्ताक्षर किए हैं। इन बिलों पर सहायक अभियंता, आयुक्त व लेखाधिकारी के हस्ताक्षर भी है। नियमानुसार कनिष्ठ अभियंता का कार्य देखने वाले के लिए इंजीनियरिंग किया हुआ होना जरूरी होता है। नागौर में तत्कालीन सहायक अभियंता तुलसीराम ने नियमों को ताक पर रखते हुए कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी फीटर को दे दी।
सहायक अभियंता की जिम्मेदारी
सूत्रों की मानें तो जेईएन की नियुक्ति प्रक्रिया आरपीएससी द्वारा की जाती है ऐसे में अब चीफ इंजीनियर को भी पावर नहीं कि वे फीटर को जेईएन नियुक्त कर दे। जेईएन का कार्य क्षेत्र फीटर से अलग होने के कारण ही जेईन नियुक्त किए गए हैं, जबकि यहां इन नियमों की पालना नहीं हो रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि फीटर का कार्य जल वितरण प्रणाली की मॉनीटरिंग करना है,ऐसे में बिलों के सत्यापन पर हस्ताक्षर करना गलत है, हालांकि इसको लेकर कोई सवाल होता है तो यह सीधे सहायक अभियंता की जिम्मेदारी है।
एक दूसरे पर डाल रहे अधिकारी
इस संबंध में जानकारी चाहने पर पीएचईडी के एसई अर्जुन राम चौधरी ने कहा कि उनके कार्यालय से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस संबंध में आदेश जारी करने वाले एईएन ही बता सकते हैं। हालांकि कनिष्ठ अभियंता के रिक्त पदों के कारण कई बार फीटर को जिम्मेदारी देनी पड़ती है। उधर, शहरी जलप्रदाय योजना के सहायक अभियंता रामप्रताप सियाग ने कहा कि वे अभी बाहर हैं और कल जानकारी दे पाएंगे। अन्य अधिकारी भी इस मामले में सीधे जवाब देने के बजाय टालमटोल करते रहे।