नागौर. पेयजल लाइन होने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में पानी से वंचित रहने वाले क्षेत्रों में पाइपलाइन बदली जाएगी। विभाग की ओर से हुए सर्वे में पांच हजार से ज्यादा की आबादी इससे पीडि़त पाई गई। जहां पर आपूर्ति तो होती है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच नहीं पाता है। सर्वे में सामने आया कि ऐसे क्षेत्रों की पाइपलाइन अत्याधिक पुरानी होने कारण खराब हो चुकी है। विभाग की ओर से फिलहाल लगभग तीन करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो फिर ऐसे क्षेत्रों में पानी का संकट समाप्त हो जाएगा।
जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति होने के बाद भी कम पानी मिलने की शिकायत लंबे समय से मिल रही थी। शिकायतों की संख्या बढऩे पर विभाग की ओर से इसकी जांच के लिए टीम बनाई गई। इसमें जलदाय विभाग के सहायक एवं कनिष्ट अभियंता के साथ ही तकनीकी कर्मियों को शामिल किया गया। टीम की ओर से तकरीबन 20 से 22 दिनों तक विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति के दौरान की गतिवधियों पर नजर रखी गई। विशेषकर कम आपूर्ति के संदर्भ में शिकायत करने वाले क्षेत्रों में टीम ने कई घरों की जांच की। जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अधिकारियों का कहना है कि अप्रत्याशित रूप से लगभग एक से डेढ़ हजार से ज्यादा हजार घर पाए गए। जहां पर कम आपूर्ति होने की शिकायत लगभग सही पाई गई। इसकी भी जांच हुई। कई जगहों पर पाइपलाइनों को खोदकर उनकी टेस्टिंग की गई तो पता चला कि कई जगहों पर से लाइन ही खराब हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि यह पेयजल लाइनें काफी पुरानी होने के कारण कई जगहों पर से सड़ गल चुकी थी। जांच के बाद तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को सौंपी गई। इसके पश्चात क्षेत्रवार ऐसे क्षेत्रों की सूची बनाकर प्रस्ताव तैयार किया गया।
इन क्षेत्रों की स्थिति है सर्वाधिक खराब
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मीनगर, रामदेव नगर, हाउसिंग बोर्ड सेक्टर नंबर दो, ताऊसर रोड, लक्ष्मीतारा सिनेमा के पास वाले क्षेत्रों की स्थिति सर्वाधिक खराब पाई गई है। इन क्षेत्रों में कई जगहों पर तो पाइपलाइन पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
यह भेजा गया है प्रस्ताव
जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन क्षेत्रों में कई किलोमीटर लंबी लाइन बिछेगी। इसके साथ ही पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह से व्यवस्थित करने के लिए पाइपलाइन के साथ ही पम्पिंग मशीन भी लगाई जाएगी। तभी व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित हो सकेगी।
इनका कहना है…
कम जलापूर्ति वाले क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने के साथ पम्पिंग मशीन लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो पांच से छह हजार से ज्यादा की आबादी को पानी संकट से छुटकारा मिल जाएगा।
जयनारायण मेहरा, सहायक अभियंता जलदाय नागौर