आईआईटी में सफल नहीं हुए तो ठान लिया कि अब आईएएस ही बनना है और फिर हुआ यह…
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नागौर. नागौर जिले के युवाओं ने आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। सामान्य परिवार में जन्मे खींवसर उपखंड के इसरनावड़ा गांव निवासी गिरधरी बेनीवाल ने ६१वीं रैंक हासिल की है।
दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे गिरधर बेनीवाल ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उन्होंने १२वीं के बाद आईआईटी में जाना चाहा था। इसके लिए कोटा जाकर कोचिंग भी की, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। इसके बाद जयपुर के एसकेआईटी कॉलेज से इलेक्ट्रिल इंजीनियरनिंग की और फिर सिविल सर्विस को ही अपना लक्ष्य बना लिया। इसमें सबसे अहम योगदान पिता मूलाराम बेनीवाल का रहा। खींवसर क्षेत्र के बिरलोका में ही बतौर मेल नर्स कार्यरत पिता ने हमेशा उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। चाचा किशनाराम जोंइंट कमिश्रर जीएसटी हैं। जिनका भी मार्गदर्शन मिला। बिरलोका के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने नागौर के शारदा बाल विद्यालय से बारहवीं की। यहां से आईआईटी की तैयारी के लिए कोटा गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और उसके बाद प्रशासनिक सेवा में जाना ही लक्ष्य बना लिया। इससे पहले इनकम टैक्स अफसर बनने का मौका भी मिला, लेकिन लक्ष्य एक ही था, इसलिए रुके नहीं और अब सफलता मिल ही गई। बेनीवाल की मां सुखी देवी गृहिणी है। उनकी इस सफलता से पूरे गांव में जश्न का माहौल है।
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