scriptभक्त को खूब देता है परमात्मा: अमृतानंद | God gives a man plenty: Amritananda | Patrika News
प्रतापगढ़

भक्त को खूब देता है परमात्मा: अमृतानंद

परमात्मा की लीला को कोई नही जान पाया है। जिसके बारें में मनुष्य कल्पना तक नही कर सकता परमात्मा वह कार्य चुटकी बजाते इस तरह से कर देते है कि हम उस पर सोचने को मजबूर हो जाते है।

प्रतापगढ़Oct 03, 2016 / 10:35 pm

​babulal tak

यह बात सोमवार को जूसरी रोड पर मालियों की ढ़ाणी स्थित इन्दिरा स्कूल के पास पांच दिवसीय नानीबाई को मायरो कथा वाचन के दूसरे दिन अपने प्रवचन में अमृतानद महाराज ने कही। उनका कहना था कि सारी दुनिया को अपने इशारों पर चलाने वाले परमात्मा स्वंय अपने भक्तों के इशारों पर चलते है। परमात्मा के लिए भक्त से बढकर कोई नहीं हो सकता। अत: अपने भक्त का मान रखने के लिए परमात्मा अपने स्वयं के मान -सम्मान को भूलकर तुरंत दौड़े चले आते हैं। जब नरसी भगत ने भगवान पर भरोसा करते हुए उन्हें याद किया तो अपने भक्त का मान रखने के लिए भगवान कृष्ण स्वयं राधा एवं रुकमणी के साथ नानीबाई का मायरा भरने के लिए नगर अंजार पहुंच गए। किसी समय नरसीजी 14 करोड़ की दौलत के मालिक थे। परमात्मा से लगाव होने पर अपनी समस्त दौलत को धर्म कर्म एवं जन कल्याण में खर्च कर नरसीजी भगवान स्मरण में लग गए। जब नानीबाई का मायरा भरने का समय आया तो उनके पास कुछ भी नही था। इस पर भगवान ने 14 की जगह 56 करोड़ का मायरा भरकर जग को यह बता दिया दिया भगवान अपने भक्त की सहायता में किसी प्रकार से कसर नही रहने देते। कथा के दौरान राजा बली एवं बावन अवतार की सजीव झांकी सजाई गई।

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