scriptVideo : बीमार गोवंश का अनुदान 12 महीने दिया जाएगा : गोपालन मंत्री | Grant of sick cows will be given for 12 months: Gopalan Minister | Patrika News
नागौर

Video : बीमार गोवंश का अनुदान 12 महीने दिया जाएगा : गोपालन मंत्री

गोपालन मंत्री प्रमोद जैन ‘भाया’ एवं राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन पहुंचे नागौर- लम्पी स्कीन डिजीज से पीडि़त गोवंश का लिया जायजा, गोशाला प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों से की चर्चा
– पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान व कांग्रेस पदाधिकारियों ने मंत्री के दौरे पर खड़े किए सवाल

नागौरAug 08, 2022 / 12:29 pm

shyam choudhary

Grant of sick cows will be given for 12 months: Gopalan Minister

Grant of sick cows will be given for 12 months: Gopalan Minister

नागौर. नागौर जिले में गोवंश में फैली लम्पी स्कीन डिजीज का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक 25 हजार से अधिक पशु संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1200 से अधिक संक्रमित पशुओं की मौत हो चुकी है। जिले में लगातार बढ़ रही बीमारी को देखते हुए रविवार को राज्य के खान, पेट्रोलियम एवं गोपालन विभाग मंत्री प्रमोद जैन ‘भाया’ एवं राज्य गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन रविवार को नागौर जिले के दौरे पर रहे।मंत्री भाया व अध्यक्ष जैन पहले कुचामन सिटी पहुंचे। वहां उन्होंने कुचामन गोशाला प्रतिनिधियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की। दोपहर बाद करीब चार बजे दोनों ने नागौर पहुंच कर नागौर शहर गुड़ला रोड पर महावीर गोसेवा समिति की ओर से संचालित गोशाला का निरीक्षण कर बीमार गोवंश की जानकारी ली। इसके बाद गोशाला परिसर में ही गोशाला प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर पशुओं की बीमारी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
बैठक में मंत्री भाया ने कहा कि राज्य सरकार ने गोशालाओं का अनुदान छह महीने की जगह नौ महीने कर दिया है। अब सरकार गोशालाओं में उपचारत बीमार गोवंश का अनुदान 12 महीने करने पर विचार कर रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि बीमारी के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी का प्रयास इस विषम परिस्थिति में गोवंश को बचाना है। इसके लिए दवा खरीद के टेंडर सहित अन्य प्रक्रिया में शिथिलता दी है।
गोशाला में नर गोवंश की अनिवार्यता करेंगे : जैन

गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन ने कहा कि नागौर की बजाए बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर जिलों में स्थिति ज्यादा विकट है, लेकिन हमारा प्रयास है कि इलाज के अभाव में किसी पशु की मौत नहीं हो। उन्होंने कहा कि दवाई की कमी नहीं आने देंगे, यही सरकार का प्रयास है। मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि धरातल की स्थिति को देखें, इसलिए हम प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं। जैन महावीर गोशाला प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि सड़कों पर आने वाले गोवंश का समाधान निकालने के लिए सरकार अब गोशालाओं में नंदी रखने की अनिवार्यता लागू करने पर विचार कर रही है।
स्थानीय प्रतिनिधियों की रखी मांगें, मंत्री ने दिए जवाब

बैठक में जायल के पूर्व प्रधान रिधकरण लोमरोड़ ने कहा कि नागौर जिले में सबसे अधिक गोशालाएं व गायें हैं, इसलिए यहां गोपालन विभाग का एक अलग से कार्यालय खोला जाए और उसमें पर्याप्त स्टाफ नियुक्त किया जाए। लोमरोड़ ने कहा कि बछड़ों के परिवहन पर रोक लगने से स्थिति विकट बनी हुई है। गोशाला प्रतिनिधि चेलाराम सारण ने नंदी के लिए बारह महीने अनुदान देने की मांग की, ताकि उन्हें बाहर निकालने की नौबत नहीं आए।
महावीर गोशाला के संचालक बलदेवराम सांखला ने गैर मुमकिन अंगोर की भूमि गोशाला को आवंटित करने, समय पर अनुदान जारी करने तथा मृत गोवंश के निस्तारण के लिए जमीन निश्चित करने की मांग रखी। इस पर मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुदान की प्रक्रिया की जटिलता को सरल किया है। इसके साथ पंचायत स्तर पर नंदीशाला खोलने की घोषणा की और उसकी प्रक्रिया को भी सरल किया। गोशाला की जमीन आवंटन को लेकर गत दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई थी, जल्द ही कोर्ट में हम मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। जहां तक मृत पशुओं के निस्तारण की बात यह है तो इसके लिए जिला कलक्टर अधिकृत हैं, आप फाइल लगाएं, निश्चित तौर पर समाधान होगा।इससे पहले गोशाला के अध्यक्ष उम्मेदसिंह राजपुरोहित सहित अन्य पदाधिकारियों ने मंत्रियों के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेरसिंह राजपुरोहित, जिला कलक्टर पीयूष समारिया सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन बालकिशन भाटी ने किया। इस दौरान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा, उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र प्रकाश चौधरी, कंट्रोल रूप प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र किरडोलिया सहित अन्य पशु चिकित्सक मौजूद रहे।
नागौर में 20 पशुओं की मौतपशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा ने बताया कि जिले में रविवार को 5652 पशुओं का सर्वे किया गया, जिसमें से 897 पशु संक्रमित पाए गए। 776 का उपचार किया गया तथा 137 रिकवर हुए, जबकि 20 पशुओं की मौत हो गई। जिले में अब तक 3 लाख 90 हजार 706 पशुओं का सर्वे किया जा चुका है, जिसमें 25 हजार 810 पशु संक्रमित पाए गए हैं। पशुपालन विभाग की टीमों ने संक्रमित पशुओं में से 22 हजार 448 का उपचार कर दिया है और 5830 पशु रिकवर भी हो चुके हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि जिले में बीमारी की चपेट में आए 1228 पशुओं की मौत भी हो चुकी है।
पूर्व मंत्री ने कहा – निरर्थक दौरे से नाजुक हालातों का पता नहीं चल सकतापूर्व मंत्री व कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हबीबुर्रहमान अशरफी लाम्बा ने गोपालन मंत्री भाया व गोसेवा आयोग अध्यक्ष जैन के दौरे पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि निरर्थक दौरे से नाजुक हालातों का पता नहीं चल सकता है। ऐसे में मंत्री को जहां ज्यादा संख्या में गौ वंश की मौत हो रही है वहां का दौरा कर सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत करवाना चाहिए। लाम्बा ने कहा कि कालड़ी गांव में 500 से ज्यादा गायें इस बीमारी के चलते अकाल मौत की शिकार हो गईं। उपचार व राहत सामग्री के अभाव में गोवंश संकट में है। ऐसे में गोपालन मंत्री को संवेदनशील गोशालाओं का दौरा कर सरकार को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाना चाहिए, ताकि मुख्यमंत्री तत्काल ठोस रणनीति बना सके। लाम्बा ने सरकार से आग्रह किया कि गोवंश को बचाने के लिए तत्काल उपचार व राहत सामग्री उपलब्ध करवाएं।
कार्यकर्ताओं से चर्चा करते तो अच्छा रहता

गायों में फैली बीमारी का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्रियों ने नागौर जिले का दौरा किया, जो सरकार की सक्रियता का परिचायक है। इससे भी अच्छा तब होता, मंत्री का दौरा स्थानीय कार्यकर्ताओं से पूछकर तय किया जाता। मंत्री को ऐसी गोशाला में ले जाया गया, जहां गायों के लिए काफी अच्छी व्यवस्था है, जबकि जहां बीमारी का ज्यादा प्रकोप है और जहां ज्यादा मौतें हो रही हैं, वहां ले जाते तो उन्हें भी धरातल की िस्थति की जानकारी मिलती।- हीरालाल भाटी, जिला सह संयोजक, गांधी शांति दर्शन समिति, नागौर।

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