नागौर

अमित शाह और सीएम राजे के दौरे का विरोध: प्रशासन में मची खलबली, हनुमान बेनीवाल से मांगा सोमवार शाम तक का समय

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नागौरSep 17, 2018 / 11:26 am

shyam choudhary

अमित शाह और सीएम राजे के दौरे का विरोध: प्रशासन में मची खलबली, हनुमान बेनीवाल से मांगा सोमवार शाम तक का समय

नागौर.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रस्तावित नागौर दौरे के विरोध को लेकर रणनीति बनाने के लिए टाउन हॉल में विधायक हनुमान बेनीवाल के आह्वान पर जिले सहित आसपास के जिलों से सैकड़ों लोग एकत्र हुए। बैठक में पहुंचे लोगों की संख्या एवं विधायक बेनीवाल की चेतावनी से स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक अलर्ट हो गई और विधायक से वार्ता करने के लिए सरकार ने नागौर के एडिशनल एसपी राजकुमार चौधरी, उपखंड अधिकारी मुरारीलाल शर्मा, वृताधिकारी सुभाष चंद मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों को टाउन हॉल भेजा, सोमवार शाम तक मुद्दों के समाधान के लिए सरकार से वार्ता कर सकारात्मक जवाब देने की बात कही गई। विधायक बेनीवाल ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जिन मुद्दों और वादों से सरकार ने सत्ता प्राप्त की, उन्हें सत्ता में आते ही भूल गई। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद नागौर जिला मुख्यालय पर जब 42 दिनों तक लगातार धरना चला तो सरकार के आदेशों से मौके पर कलक्टर सहित आला प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर आकर धरना समाप्त करवाया और जिन मुद्दों पर धरना समाप्ति की सहमति बनी, उन मुद्दों को सरकार ने भूला दिया।
मुद्दों की लड़ाई में वो सर्व समाज के साथ
बेनीवाल ने कहा कि जब चुनाव आए तो किसानों को झूठ का लॉलीपोप देने अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम जन में शासन के प्रति जो आक्रोश है, उसको लेकर इनका विरोध जरूरी है, ताकि लोकतंत्र जिंदा रहे। विधायक ने कहा कि सरकार संवेदनहीन है, आज आम अवाम सरकार से जवाब मांगने सड़कों पर खड़ा है। उन्होंने तांगा दौड़ शुरू करवाने की मांग को लेकर सर्व समाज द्वारा 17 सितम्बर को प्रस्तावित नागौर बंद का भी समर्थन किया और कहा कि मुद्दों की लड़ाई में वो सर्व समाज के साथ हैं।
पायलट और गहलोत पर लगाए आरोप
विधायक ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की सोच सामंती है। 80 वर्ष के बुजुर्ग को भी वो पैर छूने पर मना नहीं करते और गहलोत ने अपने कार्यकाल में वसुंधरा सरकार की जांच करवाने की बजाय उन्हें संरक्षण दिया।
तांगा दौड़ हमारी संस्कृति और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
बेनीवाल ने कहा कि वर्षों से चली आ रही तांगा दौड़ में किसी भी प्रकार की क्रूरता घोड़ों के साथ नहीं होती, इसके बावजूद न्यायालय के निर्णय की आड़ में दौड़ को बंद करवा दिया और सत्ता मे बैठे लोगों ने दौड़ को शुरू करवाने के लिए सार्थक प्रयास नहीं किए, जिससे जन आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि वीर तेजाजी के मेले में, बालापीर के मेले में व रोल के मेले में होने वाली तांगा दौड़ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है एवं सामाजिक एकता की प्रतीक है, इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप ही कच्चे रास्ते पर दौड़ को शुरू करवाया जाए।
यह हैं मुद्दे
2004 से पूर्व खोदे गए कुओं के कृषि कनेक्शनों को नियमित करने, 3 वर्ष से कम उम्र के बछड़ों की बिक्री व परिवहन पर लगी रोक को हटाने, ऊंटों की बिक्री व परिवहन सम्बन्धी कानून का पुन: विश्लेषण करने, खनन नीति को संशोधित करके किसानों को उनकी खातेदारी में खनन पट्टे देने, सहकारी बैंकों से प्रत्येक सदस्य को साख सीमा के अनुसार ऋण देने, गौरव यात्रा के विरोध के दौरान सरकार द्वारा दर्ज मुकदमों को वापस लेने तथा गजानंद जी, तेजाजी, रोल तथा बालापीर के मेले में तांगा दौड़ करवाने सहित 8 मांगों का एक पत्र प्रशासन के माध्यम से सरकार को भेजा है।
 

 

 

 

 

 
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