केंद्र सरकार से मिले निर्देश के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इसके दिशा-निर्देश जारी कर जल्द ही गठित किए जाने के लिए कहा है, ताकि फोरम टीबी ( Tuberculosis ) रोगियों की सुविधा एवं रोग उन्मूलन की दिशा में सुव्यवस्थित तरीके से काम कर सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अब टीबी रोग उन्मूलन के लिए जिलास्तरीय फोरम भी काम करेगी।
फोरम में कलेक्टर होगा अध्यक्ष
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पहले केवल तपैदिक व चिकित्सा विभाग ही टीबी उन्मूलन ( tuberculosis causes ) के लिए काम करता था। अब प्रत्येक जिले में फोरम गठित होने के बाद इसमें और तेजी आ सकेगी। फोरम का अध्यक्ष कलेक्टर के रहने के कारण इनके कार्यक्रमों में भी किसी प्रकार की प्रशासनिक अड़चन नहीं रहेगी। फोरम अपने संसाधनों से प्रत्येक टीबी रोगी तक पहुंचेगा।
विभिन्न संस्थाओं और लोगों के माध्यम से ऐसे रोगियों को न केवल सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी, बल्कि इसके लिए जागरूक करने का काम भी किया जाएगा। इसमें कलेक्टर के अलावा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह-अध्यक्ष होंगे। सदस्यों में जिला विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि, टीबी एसोसिएशन ऑफ इंडिया सदस्य, मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष, एनजीओ व समाचार पत्र प्रतिनिधि सहित कुल 15 लोग शामिल रहेंगे।
फोरम यह करेगा काम
जिला टीबी फोरम के सदस्य टीबी उन्मूलन के लिए औपचारिकता से हटकर काम करेंगे। इसके लिए ग्राम एवं ढाणियों के स्तर पर समिति के सदस्य पहुंचेंगे। चिकित्सा विभाग की मदद से संबंधित क्षेत्रीय लोगों से सामंजस्य बनाते हुए काम करेंगे। आवश्यकतानुसार वह क्षेत्रों में बैठक कर इसकी लोगों को जानकारी देने के साथ टीबी से पीडि़त रोगियों ( Tuberculosis Symptoms ) के समक्ष आने वाली दिक्कतों को खत्म करने का काम भी करेंगे।
इनका कहना है…
जिला टीबी फोरम का गठन प्रदेश के प्रत्येक जिलों में किए जाने के निर्देश मिले हैं। इसमें कलेक्टर, जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य अधिकारी एवं सामाजिक क्षेत्रों का प्रतिनिधि करने वाले शामिल रहेंगे। इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है।
नरेंद्र सिंह राठौड़, जिला कार्यक्रम अधिकारी, क्षयरोग नियंत्रण विभाग, टीबी हॉस्पिटल नागौर