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VIDEO...यह पढ़ लिया तो सरकार की ओर से मिल रही फ्री में बिजली का मिल जाएगा फायदा...

locationनागौरPublished: Jun 06, 2022 09:58:24 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. डिस्कॉम की प्रति यूनिट बिजली दरों की बाजीगिरी में फंसा उपभोक्ता
डेढ़ साल बाद भी डिस्काम नहीं दे पा रहा प्रतिमाह उपभोक्ताओं को बिजली का बिल
-तत्कालीन अजमेर डिस्काम एमडी नें किया था जयपुर की तर्ज पर नागौर मे नागौर के उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने का वायदा
-फ्री यूनिट व्यवस्था लागु होने के बाद अब प्रतिमाह बिजली बिल मिले तो उपभोक्ताओं को मिल सकती है राहत, जेब पर भी नहीं पड़ेगा अतरिक्त आर्थिक भार
उपभोक्ताओं को प्रतिमाह क्यों नहीं दिया जा रहा बिजली का बिल

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नागौर. डिस्कॉम अधिकारियों की लेटलतीफी के चलते जिले में अब तक प्रतिमाह बिजली का दिए जाने की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। जबकि डेढ़ साल पूर्व ही विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के लिए प्रतिमाह बिजली बिल दिए जाने की व्यवस्था करने का वायदा किया गया था। इस संबंध में तत्कालीन एमडी वी. एस. भाटी की ओर से भी इस संबंधम में प्रतिमाह बिजली का बिल दिए जाने की व्यवस्था जल्द कराए जाने के दावे किए गए थे। इसके साथ ही उनकी ओर से तत्कालीन अधीक्षण अभियंता को भी इसके लिए आवश्यक तैयारियों को करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। उच्च स्तर पर मिले आदेश के डेढ़ साल बाद भी जिले में प्रतिमाह नहीं, बल्कि हर दो माह में ही बिजली का बिल उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। इस बाबत उपभोक्ताओं का कहना है कि प्रतिमाह बिजली दिए जाने की व्यवस्था शुरू होने पर सरकार की ओर से दी जा रही 50 यूनिट फ्री बिजली का बेहतर तरीके से फायदा मिल सकेगा, नहीं तो 50 यूनिट पार करते ही बिजली की प्रति यूनिट दर ही बदल जाती है। जबकि डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को बिल प्रावधानों के तहत ही भेजे जाते हैं। इसके बाद भी इसको लेकर उपभोक्ताओं को समस्या है तो विभागीय कार्यालय में आकर समाधान करा सकते हैं।
सरकार की ओर से उपभोक्तओं को प्रतिमाह 50 यूनिट बिजली तो नि:शुल्क तौर पर मिलने लगी है, लेकिन डिस्कॉम की ओर से अब तक उपभोक्ताओं को हर माह बिजली का बिल पहुंचाए जाने की व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी है। इसकी वजह से उपभोक्ताओं में बिल भुगतान की स्थिति को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। उपभोक्ताओं का कहना है कि डिस्कॉम की ओर से बिजली यूनिट की दर 50 यूनिट पर परिवर्तित हो जाती है। इससे उनको नुकसान होता है। जबकि डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से फ्री में प्रतिमाह दी जा रही बिजली दो माह में 100 यूनिट होती है। ऐसे में परिवर्तित दर के प्रावधान 100 यूनिट पार करने पर ही लागू होंगे। इसमें भी सरकारी स्तर पर दी जाने वाली छूट के साथ ही बिजली का बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है। प्रतिमाह प्रतिमाह बिजली का बिल दिए जाने के लिए पूरा ढांचा बनाना पड़ेगा। जल्दबाजी में उपभोक्ताओं को बिजली का बिल प्रतिमाह दिए जाने की व्यवस्था करना संभव नहीं है।
पचास यूनिट पार होते ही बदल जाती प्रति यूनिट बिजली की दर
उपभोक्ताओं का कहना है कि व्यवस्था डिस्कॉम के पास नहीं है तो इसमें उपभोक्ताओं का क्या दोष है। जब तक डिस्कॉम के पास प्रतिमाह बिल दिए जाने की व्यवस्था नहीं कर दी जाती है। इसे बिल प्रति यूनिट की राशि 50 यूनिट तक निर्धारित प्रति यूनिट की दर से लेनी चाहिए। ज्यादातर उपभोक्ताओं का बिल पहले माह से दूसरे माह में आने के बाद कुल यूनिट का आंकड़ा 50 यूनिट पार कर जाता है। 50 यूनिट पार होते ही प्रति यूनिट बिजली की दर 4 रुपए पैतीस पैसे की जगह छह रुपए 50 पैसे हो जाती है। यानी की प्रति यूनिट की दर में एक रुपए 75 पैसे की वृद्धि हो जाती है। इसमें स्थाई शुल्क आदि जोडऩे पर यह आंकड़ा बढ़ जाता है। इस तरह से 151 यूनिट से 300 यूनिट होते ही प्रति यूनिट यह दर सात रुपए 35 पैसे हो जाती है। 301 यूनिट का आंकड़ा पार होते ही यह दर सात रुपए 65 पैसा लिया जाता है। यही आंकड़ा 500 यूनिट पार करते ही प्रति यूनिट बिजली की दर सात रुपए 95 पैसे तक पहुंच जाती है। सारी दर घरेलू है, जबकि अघरेलू की प्रति यूनिट तो इससे भी ज्यादा है। घरेलू उपभोक्ताओं को एक रुपए 75 पैसे से तीन रुपए छह पैसे से ज्यादा की दर प्रति यूनिट के खेल में चुकानी पड़ती है। इसमें स्थाई शुल्क जोड़े जाने पर राशि का यह आंकड़ और बढ़ जाता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यूनिट बढऩे के साथ प्रति यूुनिट दर कैसे बदल जाता है।
जयपुर में लागू तो फिर नागौर में क्यों नहीं...!
नागौर जिले में डिस्कॉम के करीब छह लाख 29 हजार उपभोक्ता हैं। ऐसे में 50 यूनिट की सीमा पार होते ही परिवर्तित दरों का खेल उपभोक्ताओं के अनुसार लागू हुआ तो फिर लाखों की चपत लग जाएगी। उपभोक्ताओं को आशंका है कि पूर्व में भी उनकी ओर से बढ़ी ही दरों पर ही डिस्कॉम की ओर से भुगतान कराया गया है। इसलिए विभाग को कैसे भी व्यवस्था कर पूर्व में किया प्रतिमाह बिजली बिल दिए जाने का वायदा पूरा करना चाहिए। उपभोक्ता जियालाल ने कहा कि प्रदेश एक, और संविधान एक तो बिजली बिल दिए जाने की व्यवस्था के प्रावधान अलग-अलग कैसे हो सकते हैं। प्रतिमाह दो दिए जाने की व्यवस्था सुसंगत होती तो फिर इसे जयपुर में लागू करना चाहिए था, नागौर में क्यों लागू कर दिया। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं में असंतोष की स्थिति बनी हुई है।
इनका कहना है...
बिजली का बिल फिलहाल प्रतिमाह दिए जाने की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। इसके लिए पूरा सिस्टम विकसित करना पड़ेगा। फिलहाल दो माह का बिल दिए जाने की व्यवस्था ही कायम रहेगी। इस संबंध में उच्चाधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिला है।
जी. एस. मीणा, अधीक्षण अभियंता अजमेर-नागौर डिस्कॉम
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