बताया जाता है कि खनन माफिया ने यहां आतंक मचा रखा है। पहले भी माफिया खनन विभाग के अधिकारियों की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ कर चुके हैं। यही नहीं रियांबड़ी तहसीलदार सांवरलाल अबासरा, पुलिसकर्मी सुनील चौधरी पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास भी कर चुके हैं।
सूत्र बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार के बार-बार चेताना के बावजूद यहां बजरी के अवैध खनन का कारोबार खुला चल रहा है। पिछले एक-डेढ़ साल में बीच-बीच में जब भी इस पर अंकुश लगाने की कोशिश हुई, माफिया ने सरकारी कारिंदों को भी आड़े हाथ लिया। सरकारी कारिंदों की तरफ से भी कई मामले थाने में दर्ज हुए पर वे ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं।
-राजेश मीना, एएसपी नागौर