चिकित्साधिकारियों के 11 पद सृजित
हालांकि चिकित्सा विभाग ने कुछ पद बढ़ाए भी हैं, जिसमें चिकित्साधिकारियों के 11 पद सृजित किए गए हैं। पूर्व यहां मात्र 17 चिकित्साधिकारी के पद ही स्वीकृत थे, जिसके स्थान पर अब जेएलएन अस्पताल में 16 तथा एमसीएच विंग में 12 पद मिलाकर कुल 28 पद किए हैं। इसी प्रकार नर्स द्वितीय श्रेणी के 38 पद सृजित किए गए हैं, पहले यहां 52 पद स्वीकृत थे, वहां अब 90 पद किए गए हैं। इसी प्रकार वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के 2 तथा फार्मासिस्ट के 2 दो पद सृजित किए गए हैं।
इन पदों को किया समाप्त
चिकित्सा विभाग ने जेएलएन अस्पताल से नर्सिंग अधीक्षक के दो पद विलोपित किए, यहां पहले तीन पद सृजित किए, जिसमें से अब एक ही रखा है। इसी प्रकार रेडियोग्राफर व सहायक रेडियोग्राफर के कुल पांच पद सृजित थे, जिनमें से एक पद समाप्त कर दिया। लैब टेक्नीशियन संवर्ग के एक साथ 9 पद समाप्त किए हैं, यहां पहले 13 पद थे, अब 4 पद रह गए हैं। इसी प्रकार मंत्रालयिक संवर्ग के 2, स्वास्थ्य परिवेक्षक का एक, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का एक, नेत्र सहायक का एक, वाहन चालक के दो, कुक का एक, पब्लिक हैल्थ नर्स का एक एवं विद्युतकार का एक पद विलोपित किया गया है। अब अस्पताल में वाहन चालक, कुक, पब्लिक हैल्थ नर्स व विद्युतकार का कोई पद नहीं है।
चिकित्सकों के अभाव में मरीज परेशान
सरकार ने भले ही जेएलएन अस्पताल में चिकित्साधिकारियों एवं वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के पदों में वृद्धि की है, लेकिन अस्पताल में कई पद आज भी रिक्त पड़े हैं, जिसके चलते मरीजों को डॉक्टर तक पहुंचने के लिए कतारों में खड़ा रहना पड़ता है और कई बार निराश होकर लौटना पड़ता है। अस्पताल में डॉक्टर्स की कई कुर्सियां हमेशा खाली रहती हैं, मरीज इंतजार के बाद निराश होकर निजी अस्पतालों में जाकर इलाज करवाते हैं। पिछले कई दिनों से शहर में मरीजों को यह भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि मरीज को अपनी बीमारी बताने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है।