नागौर

जब मन छोटे होते हैं तो दो भाई अलग होते हैं – जैन संत ललितप्रभ

– शहर के बंशीवाला मंदिर में जीने की कला विषय पर 15 दिवसीय प्रवचन माला का शुभारम्भ
 

नागौरApr 01, 2019 / 06:55 pm

shyam choudhary

Jain saint Lalitprabh in Nagaur

नागौर. सकल जैन समाज नागौर के तत्वावधान में बंशीवाला मंदिर परिसर में ‘जीने की कला’ विषयक 15 दिवसीय विशिष्ट प्रवचनमाला का रविवार को सुबह 9 बजे शुभारम्भ हुआ। पहले दिन जीवन को स्वर्ग कैसे बनाएं विषय पर प्रवचन देते हुए राष्ट्रीय संत ललितप्रभ सागर ने जीवन के अनुभव एवं वास्तविक घटनाओं के माध्यम से बताया कि अब परिवार बिखरने लगे हैं, जिन्हें बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि दो भाई तब अलग नहीं होते, जब मकान छोटे होते हैं, दुनिया में दो भाई तब अलग होते हैं, जब मन छोटे होते हैं। प्रवचन के दौरान जैन संत ने दो भाइयों को गले मिलाया तथा छोटे भाई को बड़े भाई के पैर छूने के लिए कहा। उन्होंने अपने बड़े भाई चंद्रप्रभ सागर का जिक्र करते हुए कहा कि दो भाई अलग-अलग रहेंगे तो उनके दो-दो हाथ रहेंगे, लेकिन यदि दोनों भाई साथ रहेंगे तो दो और दो हाथ मिलकर चार हो जाएंगे और ये चार हाथ दो भाइयों के नहीं, बल्कि चारभुजा नाथ के होंगे। उन्होंने कहा – इससे आत्मिक सुख मिलता है। जैन संत ने कहा कि पहले लोग घर में खाते थे और बाहर (शौच करने) जाते थे, लेकिन अब उल्टा हो गया है। घर में महिलाएं होटल में खाना खाने की जिद करने लगी हैं।
साइकिल चलाने का मजा कार ने छीन लिया
बंशीवाला मंदिर में प्रवचन देते हुए जैन संत ने कहा कि बचपन में 10 पैसे में एक घंटे के लिए साइकिल किराए लेकर चलाने में जो मजा आता था, वह अब कहीं खो गया है। एक घंटे की बजाय सवा घंटे चलाकर अपने दोस्तों को यह कहना कि 10 पैसे में सवा घंटे साइकिल चलाई और मजा आ गया। अब वह कार ने छीन लिया है। जिंदगियां बदली हैं तो व्यवस्थाएं भी बदल गई हैं।
सासू मां का सम्मान करें
जैन संत ललित प्रभ ने प्रवचन सुनने आई सास-बहू को खड़ा करके गले मिलवाया तथा बताया कि आप चाहे किसी की पूजा करो या न करो, लेकिन यदि सुबह उठकर सासू मां के पैर छूकर आशीर्वाद ले लिया तो समझो सभी तीर्थों की यात्रा कर ली। उन्होंने सास से भी कहा कि वे अपनी बहुओं को बेटी सम्मान मानकर आशीर्वाद दें, ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे। जैन संत ने जब सास-बहू का प्रसंग सुनाया तो उपस्थित महिलाओं के आंखों में आंसू आ गए।
मोबाइल चार्ज में जिंदगी डिस्चार्ज न करें
जैन संत ने कहा कि आजकल व्यक्ति सुबह उठते ही सबसे पहले मोबाइल देखता है। वह देखता है कि मोबाइल चार्ज है या नहीं। यदि नहीं हुआ तो माथा खराब, पत्नी से झगड़ा शुरू, तू खटका चालू करना भूल गई। मेरा मोबाइल चार्ज नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘कैसे विडम्बना है, मोबाइल यदि चार्ज नहीं होता तो खटकता है और जिंगदी डिस्चार्ज होती जा रही है, लेकिन पता ही लग रहा।

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