शरद पूर्णिमा की रात को खीर का प्रसाद खाने का बड़ा महात्म्य है। खीर बनाकर चांदनी तले रखी जाती है। माना गया है कि इस रात को चंद्रकिरणों से अमृत बरसता है, जिसका पूरा प्रभाव खीर में आ जाता है। इस खीर को प्रसाद के रूप में खाने से इम्यून सिस्टम ठीक होता है और कई बीमारियों से भी बचाव होता है। पूर्णिमा के उपलक्ष्य में शनिवार रात को भी कई जगह खीर बनाने के कार्यक्रम हुए।
हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ
मानस सत्संग परिवार की ओर से नया दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर में श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक पाठ किया गया। संयोजक जगदीश प्रसाद शर्मा के सान्निध्य में आयोजित पाठ में मानस प्रेमियों ने हारमोनियमए ढोलक एवं मंजीरे की लय ताल के साथ चौपाइयां प्रस्तुत की। श्रीराम व रामायण की आरती और श्रीराम स्तुति आदि के कार्यक्रम हुए। हनुमान महाराज की प्रतिमा का शृंगार किया गया। सामूहिक पाठ में मानस प्रेमी नेमीचंद मितल, पुखराज गोयल, सुरेश बिश्नोई, हीरालाल सोनी, शंकरलाल चतुर्वेदी, भीम शर्मा, रामकुमार भाटी, मनोहर सोनी, ताराचंद सोनी, सुखदेव चौधरी, गोपाल शर्मा, कविता बंसल, सोहनी शर्मा, संतोष आदि उपस्थित थे।