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नागौर

कई ट्रेन नहीं चली, पटरी पर पड़ा रहा प्रस्ताव

आरटीआई से हुआ खुलासा, मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश के बाद रेलवे ने दी जानकारी, राजस्थान में चलनी थी कई ट्रेनें

नागौरOct 13, 2017 / 11:07 am

Sandeep Pandey

indian railways

train

डीडवाना.

रेलवे की दृष्टि से पिछड़ा कहे जाने वाले राजस्थान को 8 नई ट्रेन का लाभ मिल सकता था। इनमें से 3 ट्रेन जोधपुर-दिल्ली रेलमार्ग के डेगाना-डीडवाना-रतनगढ़ खंड से होकर संचालित होनी थी। बावजूद इसके रेलवे ट्रेनों के इन प्रस्तावों को दबाए बैठा रहा। जबकि इन ट्रेनों के संचालन पर अंतर रेलवे टाइम टेबल कमेटी ने अपनी मुहर भी लगा चुका है।

इसके बावजूद इन ट्रेनों को शुरू करने के लिए ना तो रेलवे बोर्ड ने पहल की और ना ही उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन ने। यही नहीं जब आरटीआई के तहत इन ट्रेनों के संबंध में जानकारी मांगी गई तो रेलवे ने ‘गोपनीय’ बताते हुए सूचना देने से भी मना कर दिया।
यह खुलासा हुआ है सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से। आरटीआई मांगने वाले उत्तर-पश्चिम रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य अनिल कुमार खटेड़ को रेलवे ने यह सूचना तो दी, लेकिन भारत के मुख्य सूचना अधिकारी के निर्देशों के बाद। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि गत वर्ष 27 से 29 जनवरी 2016 तक चेन्नई में हुई रेलवे की अंतर रेलवे टाइम टेबल कमेटी की बैठक में अनेक ट्रेन को प्रारम्भ करने तथा कई ट्रेन के विस्तार करने के प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें से 3 ट्रेन ऐसी थी, जो डेगाना-डीडवाना-लाडनूं-सुजानगढ़-रतनगढ़ होते हुए संचालित होनी थी। इनमें से दो ट्रेन का विस्तार करने तथा एक नई ट्रेन संचालित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके लिए ट्रेनों के समय सारणी भी तय कर दी गई।

इसके बाद भी रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय व उत्तर-पश्चिम रेलवे मुख्यालय के अधिकारी इन प्रस्तावों को दबाए बैठे रहे। इस बैठक में प्रस्ताव पारित हुए पौने दो साल गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक रेलवे ने इन प्रस्तावों पर अमल नहीं किया है। रेलवे अधिकारियों का यह रवैया यात्रियों के प्रति उनके उपेक्षित और भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाता है।
इन ट्रेनों के पास हुए थे प्रस्ताव

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार डेगाना-डीडवाना-रतनगढ़ होते हुए ट्रेन संख्या 54705/06 बीकानेर-रतनगढ़ को डेगाना तक तथा ट्रेन संख्या 12329/30 सियालदाह-नई दिल्ली सम्पर्क क्रांति को बाड़मेर तक बढ़ाने का प्रस्ताव लिया गया था। जबकि श्रीगंगानगर से भगत की कोठी (जोधपुर) के बीच नई ट्रेन का प्रस्ताव था।
राजस्थान को मिलनी थी यह ट्रेनें

इसके अलावा बीकानेर-हरिद्वार, दुर्गापुरा (जयपुर) से तिरूपति के बीच नई ट्रेन चलाने, आमान परिवर्तन के बाद श्रीगंगानगर-सीकर वाया सादुलपुर-चुरू के बीच नई ट्रेन का प्रस्ताव था। जबकि कोच्चिवली-बीकानेर को श्रीगंगानगर तक तथा कामाख्या-जयपुर ट्रेन को श्रीगंगानगर तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव था। हालांकि जयपुर-जोधपुर हाईकोर्ट एक्सप्रेस को बाड़मेर तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर अमल कर उसे गत दिनों ही बाड़मेर तक बढ़ाया गया है।
गोपनीय कहकर टाली सूचनाएं

उत्तर-पश्चिम रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य लाडनूं निवासी अनिल कुमार खटेड़ ने रेलवे से उक्त सूचनाएं मांगी थी। जिस पर रेलवे ने सूचना को ‘गोपनीय’ बताकर देने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष अपील की, मगर यहां से भी वही कारण दोहराते हुए सूचना नहीं दी गई। इसके बाद खटेड़ ने केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के मुख्य सूचना अधिकारी के समक्ष अपील की। इस पर सीआईसी ने रेल मंत्रालय को खटेड़ को मांगी गई सूचना १५ दिन में देने का आदेश दिया था।

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