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नागौर

धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन, विभाग खनिज परिवहन की जांच तक सीमित

illegal mining in nagaur : प्रदेश में नदी-नालों से बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद धड़ल्ले से बजरी खनन हो रहा है। कागजों में रोक के बावजूद प्रदेश में बजरी का दोहन किया जा रहा है। सरकार का यह दावा है कि प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों, सडक़ों, पुल के निर्माण कार्यों में उपयोग में आने वाली बजरी खातेदारी भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों से आ रही है।

नागौरSep 13, 2019 / 11:11 am

Dharmendra gaur

Mining Department Official not serious about illegal mining in nagaur

धड़ल्ले से हो रहा खनन, विभाग खनिज परिवहन की जांच तक सीमित

धड़ल्ले से हो रहा खनन, विभाग खनिज परिवहन की जांच तक सीमित , प्रदेश भर में अवैध बजरी खनन माफिया का जाल, सरकार नहीं मानती निर्माण कार्यों में हो रहा अवैध बजरी का उपयोग , सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से नदियों में बजरी खनन पर है रोक, नवम्बर 2017 से मई 2019 तक बनाए 20 हजार 397 प्रकरण, 1882 एफआईआर दर्ज कर 118.98 करोड़ का जुर्माना वसूला , पूरे राज्य में खनिज बजरी के केवल 97 खनन पट्टे है प्रभावशील


धर्मेन्द्र गौड़ @ नागौर. प्रदेश में नदी-नालों से बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद धड़ल्ले से बजरी खनन हो रहा है। कागजों में रोक के बावजूद प्रदेश में बजरी का दोहन किया जा रहा है। सरकार का यह दावा है कि प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों, सडक़ों, पुल के निर्माण कार्यों में उपयोग में आने वाली बजरी खातेदारी भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों से आ रही है। हकीकत यह है कि खनन माफिया फल-फूल रहा है। विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार का कहना है कि सरकारी निर्माण कार्यों के लिए बजरी खनन के लिए राज्य सरकार द्वारा खातेदारी भूमि में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल तक के अल्पावधि अनुमति पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। विभाग अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के बजाय केवल खनिज परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्रवाई तक सीमित है।

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केवल 97 पट्टों से हो रहा खनन
प्रदेश भर में वर्तमान में खनिज बजरी के 97 खनन पट्टे प्रभावशील है। ऐसे में यह संभव नहीं है कि राज्य में इन खानों द्वारा दी जा रही बजरी पर्याप्त है। खातेदारी भूमि में अप्रधान खनिज के एक से चार हेक्टेयर क्षेत्रफल तक के खनन पट्टे सम्बन्धित खातेदार को आवंटित किए जाने के तहत 10 खनन पट्टों की स्वीकृतियां व खनन पट्टा आवंटन के लिए 216 मंशा पत्र जारी किए गए हैं। इनको शामिल किया जाए तो भी यहां से निकलने वाली बजरी पर्याप्त नहीं है। भले ही बजरी के अवैध खनन व निर्गमन की रोकथाम के लिए सभी जिलों में जिला कलक्टर द्वारा विशेष जांच दल गठित किए गए हैं लेकिन सरकार खनन माफिया पर प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही है। नागौर जिले के खजवाना, आलनियावास, कुचेरा, रियां बड़ी, जसनगर, रोहिसा, झींटिया में अवैध खनन जारी है लेकिन कार्रवाई शून्य है।

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अवैध खनन का एक भी मामला नहीं
सर्वोच्च न्यायालय के नदियों में बजरी खनन पर रोक के आदेश पारित होने पर प्रदेश भर में 16 नवम्बर 2017 से मई 2019 तक 20 हजार 397 प्रकरण बनाकर 1882 एफआईआर दर्ज कराई गई तथा 118.98 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। खनि अभियंता नागौर कार्यालय में अगस्त 18 से 11 सितम्बर 2019 तक अवैध बजरी खनन के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई। केवल बजरी परिवहन के 160 दर्ज कर 82 एफआईआर दर्ज करवाते हुए 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उधर, खनि अभियंता विजिलेंस नागौर टीम को वित्त वर्ष 2018-19 में केवल 39 व चालू वित्त वर्ष में अवैध बजरी परिवहन के महज 20 मामलों में कार्रवाई की। विजिलेंस ने भी अवैध खनन को लेकर एक भी कार्रवाई नहीं की। इससे साफ है कि विभाग अवैध खनन को प्रोत्साहन दे रहा है। Nagaur News

नियमानुसार कर रहे कार्रवाई
नागौर खनि अभियंता कार्यालय क्षेत्र में 7 पुरानी खातेदारी लीज है व 11 नई खातेदारी लीज दी गई है। क्षेत्र में अवैध रूप से आ रही बजरी को लेकर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
धीरज पंवार, खनि अभियंता, नागौर

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