नागौर

मंगल ग्रह पर ग्रहण आज, शाम को दिखेगा सुंदर नजारा

भारत में पिछली बार यह घटना 10 मई, 2008 को दिखाई दी थी

नागौरApr 17, 2021 / 09:24 am

shyam choudhary

Moon-Mars occultation 2021 today

नागौर. शनिवार (17 अप्रेल 2021 रात) को एक खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें ग्रहण लगने जा रहा है, लेकिन यह सूर्य या चंद्रमा पर नहीं बल्कि मंगल ग्रह पर लगेगा। इसमें मंगल ग्रह चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा। इस घटना को मून-मार्स ऑकल्चरेशन कहा जाता है। वैसे तो यह घटना वर्ष में दो बार होती है, इसलिए बहुत अधिक दुर्लभ तो नहीं है, लेकिन किसी स्थान विशेष के लिए यह इतनी सामान्य भी नहीं है। भारत में पिछली बार यह घटना 10 मई, 2008 को दिखाई दी थी।
एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल काउंसिल आफ यंग साइंटिस्ट इण्डिया के नेशनल डायरेक्टर गजेन्द्र गेपाला ने इस घटना के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लुनार-मार्स ऑकल्टेशन भी एक तरह का ग्रहण ही है। यह तब घटित होता है जब कोई एक खगोलीय पिंड या वस्तु किसी अन्य खगोलीय पिंड की आड़ में आ जाए और खगोलीय पिंड कुल समय के लिए दिखाई ना दे। ऐसी स्थिति में आधा चंद्रमा मंगल ग्रह के सामने से गुजर रहा होगा और कुछ समय के लिए पृथ्वी से मंगल ग्रह दिखाई देना बंद हो जाएगा। कोई भी ऑकल्टेशन तब होता है जब एक दो ग्रहों के बीच दूर के तारे चंद्रमा या किसी ग्रह द्वारा छिप गए होते हैं।
इस घटना को शाम को सूर्योस्त के बाद पश्चिम दिशा में देख सकते हैं। इस घटना का आनंद लेेने के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास एस्टोनॉमिकल टेलीस्कोप हो, कोरी आंख से भी इस घटना को देखा जा सकता है, लेकिन यदि एस्टोनॉमिकल टेलीस्कोप से इसको देखा जाए तो शानदार नजारा देखने को मिलेगा, जिसमें मंगल ग्रह चन्द्रमा के पीछे छिप जाएगा और कुछ समय के बाद अचानक फिर से प्रकट होगा।
इस घटना को सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में देखा जा सकता है। इसे किसी भी सामान्य व्यक्ति द्वारा आकाश में चंद्रमा के कारण आसानी से ढूंढ़ा जा सकता है, जिसमें मंगल ग्रह चन्द्रमा की ओट में छिप जाएगा और अद्र्ध चन्द्रमा के दाहिनी ओर से नीचे की तरफ एक लाल-नांरगी बिन्दु के रूप में प्रकट होकर चन्द्रमा से धीरे-धीरे दूर होता जाता हुआ दिखाई देगा।

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