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नागौर

सात सौ करोड़ की शराब पी गए नागौर के शौकीन

– राज्य सरकार की कमाई 357 करोड़-एक करोड़ 12 लाख बीयर गटका गए-देशी शराब अंग्रेजी पर चार गुना भारी- शराब के मामले में टॉप टेन जिलों में शुमार नागौर

नागौरMar 17, 2024 / 09:11 pm

Sandeep Pandey

शराब के शौकीन

शराब के शौकीन सरकार की कमाई बढ़ाने में लगे हैं। सामाजिक रूप से बुरी कही जाने वाली शराब/बीयर पर लोगों का खर्चा जमकर बढ़ा है। शराब की दुकानों के इस साल का ठेका पूरा होने में सिर्फ एक पखवाड़ा बाकी है जबकि करीब सात सौ करोड़ से अधिक की शराब/बीयर की बिकवाली हुई है।


नागौर. शराब के शौकीन सरकार की कमाई बढ़ाने में लगे हैं। सामाजिक रूप से बुरी कही जाने वाली शराब/बीयर पर लोगों का खर्चा जमकर बढ़ा है। शराब की दुकानों के इस साल का ठेका पूरा होने में सिर्फ एक पखवाड़ा बाकी है जबकि करीब सात सौ करोड़ से अधिक की शराब/बीयर की बिकवाली हुई है। राज्य सरकार के हिस्से 357 करोड़ रुपए आए हैं। इस हिसाब से नागौर (डीडवाना-कुचामन) टॉप टेन में शुमार हो गया है।
सूत्रों के अनुसार सेहत के लिए हानिकारक मानी जाने वाली शराब सरकार के लिए फायदे का सौदा बनती जा रही है। इसकी खपत दिनोंदिन बढ़ रही है और सरकार की आमदनी भी। नागौर जिले में 1 अप्रेल से 15 मार्च यानी साढ़े ग्यारह महीने में करीब सात सौ करोड़ रुपए तो यहां के शौकीनों ने शराब/बीयर पर खर्च कर दिए, जिसमें करीब 357 करोड़ सरकार की जेब में गए। पिछले साल के मुकाबले यह करीब 32 फीसदी अधिक है। शराब सामाजिक बुराई भी है और इसे बंद करने की समय-समय पर मांग भी उठती रहती है। बावजूद इसके नागौर जिले में हर माह आठ लाख से अधिक तो बीयर पी जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि अंग्रेजी शराब बढ़ी तो देशी मदिरा की खपत चौगुनी से भी अधिक हो गई। अकेले वर्ष 2020-21 में ही 82 लाख 92 हजार 900 लीटर देशी शराब बिकी जो इस वर्ष 2023-24 में 99 लाख 13 हजार 175 लीटर बिक चुकी है, अभी साल खत्म होने में पंद्रह दिन बाकी है। अंग्रेजी शराब की वर्ष 2020-21 में करीब अठारह लाख लीटर तो वर्ष 21-22 में करीब 23 लाख 64 हजार लीटर से अधिक की बिकवाली हुई। वर्ष 22-23 में यह आंकड़ा तीस लाख लीटर से अधिक था जो इस साल वर्ष 23-24 में 38 लाख 41 हजार 166 लीटर रहा। अंग्रेजी शराब की खपत भी बढ़ी पर देशी शराब से अब भी काफी पीछे चल रही है।
महीने में दस लाख बीयर पी रहा है नागौर

सूत्रों का कहना है कि इस साल के साढ़े ग्यारह महीने में एक करोड़ 12 लाख से अधिक बीयर पी जा चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक आठ से दस लाख बीयर हर माह नागौर वासी पी रहे हैं। अभी गई दिवाली की ही बात करें तो तीन दिन में (नौ से 11 नवम्बर) में नागौर के लोगों ने एक लाख 27 हजार 706 बीयर बोतल गटकाई। वर्ष 2022 में दिवाली पर (21 से 23 अक्टूबर) तक बीयर एक लाख 26 हजार 211 बिकी। यानी होली-दिवाली पर बीयर पीने का क्रेज भी कुछ खास नजर आया।
विधानसभा चुनाव के दौरान यह रहा हाल

विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने से चुनावी परिणाम आने तक (15 अक्टूबर से तीन दिसम्बर) यानी 48 दिन में शराब की बिक्री व उपयोग को लेकर जिलेभर का आकलन किया गया तो सामने आया कि देशी मदिरा/ राजस्थान मेड लिकर (आरएमएल) की बिक्री जरूर पिछले साल (वर्ष-2022) के मुकाबले बढ़ी। वर्ष 2022 इन दिनों में जहां 20 लाख 42 हजार 84 लीटर देशी/आरएमएल की बोतल बिकी तो वर्ष 2023 में 15 अक्टूबर से तीन दिसम्बर तक इनकी संख्या 21 लाख 21 हजार 782 बोतल रही। वर्ष 2022 में इस दौरान इनसे 16 करोड़ 68 लाख 59 हजार 164 रुपए कमाए तो वर्ष 2025 में यह राशि 17 करोड़ 5 लाख 70 हजार 969 रुपए रही। यानी केवल देसी/आरएमएल की बिक्री बढ़ी।
बकाया रखने पर 29 दुकानें बंद

आबकारी विभाग की रिपोर्ट से पता चला है कि बकाया बढऩे पर जमा नहीं कराया तो नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले की 29 दुकानों के लाइसेंस रद्द किए गए। तय समय रात आठ बजे बाद शराब बेचने वाले एक दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अधिक दाम पर शराब बेचने के करीब 26 दुकानदारों के खिलाफ मामले दर्ज किए। इसके साथ शराब की 44 दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इनका कहना …

शराब की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। साल पूरा होने में एक पखवाड़ा बाकी है, एक करोड़ 12 लाख से अधिक की तो बीयर बिक चुकी। सात सौ करोड़ की शराब/बीयर की बिकवाली हुई है। शिकायत मिलने पर अधिकृत दुकान वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
-मनोज बिस्सा, जिला आबकारी अधिकारी नागौर

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