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नागौर

वार्ड परिसीमन से बाहरी कॉलोनियों को मिलेगी ‘संजीवनी’

आबादी व क्षेत्रफल के अनुपात में आएगा बदलाव, फिलहाल वार्डों का दायरा बड़ा होने से होती है उपेक्षा

नागौरJun 14, 2019 / 12:25 pm

Dharmendra gaur

Nagaur Parishad Ward will be developed after demarcation in nagaur

वार्ड परिसीमन से बाहरी कॉलोनियों को मिलेगी ‘संजीवनी’

नागौर. नगर परिषद क्षेत्र में वार्डों का दायरा बड़ा होने से मूलभूत सुविधाओं को मोहताज शहर के बाहरी क्षेत्र में बसी आबादी के लिए परिसीमन संजीवनी साबित होगा। शहरी सरकार के अगले बोर्ड में लगभग 15 नए ‘माननीय’ बाहरी कॉलोनियों से चुनकर आएंगे। नए वार्ड बनने से बाहरी वार्डो का क्षेत्रफल भी कम होगा। स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के बाद राजस्थान पत्रिका टीम ने वार्डो के क्षेत्रफल व आबादी के अनुपात को देखा तो कई तथ्य सामने आए हैं। एक्सपर्ट के अनुसार शहर के वार्ड संख्या 2, 4, 13, 18, 21, 22, 34, 35, 36, 37, 38, 40 व 43 की सीमाओं में सबसे ज्यादा फेरबदल होने की संभावना है। नए समीकरण से फायदे और नुकसान के गणित को लेकर खास रिपोर्ट के अनुसार कई ‘माननीयों’ का वार्ड बदल जाएगा।

 

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सीधे पार्षदों तक पहुंचेगी समस्या
शहर में नए वार्ड बढऩेे से पार्षदों की संख्या भी बढ़ेगा। इसका सीधा फायदा जनता को मिलेगा। वर्तमान में कई वार्डों का क्षेत्र काफी लंबा है। इस कारण वार्ड पार्षद भी हर इलाके की समस्या नहीं सुन पाते हैं। अब वार्ड और भी छोटे होने से आमजन की शिकायत सीधे पार्षद तक पहुंच सकेगी।

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बढ़ेगी राजनीतिक दलों की भागीदारी
नए परिसीमन के साथ सियासी समीकरण भी बदल जाएंगे। फिलहाल नगर परिषद बोर्ड पर कांगे्रस का कब्जा है और भाजपा विपक्ष में है। वर्ष 2010 में सभापति के सीधे चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को मात दी थी। नए समीकरणों के बाद भाजपा, कांगे्रस व अन्य पार्टियों के पार्षदों की संख्या भी बढ़ेगी वहीं निर्दलीय पार्षदों का कुनबा भी बढ़ेगा। बोर्ड में कांग्रेस के 17 भाजपा के 16 व 12 निर्दलीय पार्षद है।


बढ़ेगी जनता की भागीदारी : सभापति
सभापति कृपाराम सोलंकी का कहना है कि सरकार के इस फैसले से जनता की भागीदारी बढ़ेगी। पार्षदों तक जनता की पहुंच आसान होगी। शहर को बजट ज्यादा मिलने से विकास भी तय समय पर पूरे होंगे। नए परिसीमन का सबसे ज्यादा फायदा बाहरी कॉलोनियों के लोगों को मिलना तय है।


निष्पक्ष तरीके से हो परिसीमन : सांखला
नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष ओमप्रकाश सांखला का कहना है कि शहर में आबादी के हिसाब से नए वार्ड तो बढऩे ही चाहिए। लेकिन राजनीतिक पार्टियों को अब परिसीमन में दखल बिल्कुल नहीं देना चाहिए। परिसीमन जितने अच्छे तरीके से होगा शहरवासियों को सुविधाएं भी उतनी आसानी से मिल सकेगी। सांखला ने कहा कि सांसद व विधायक की तर्ज पर पार्षदों को अधिकार दिए जाने चाहिए।


विधायकों की बढ़ेगी चुनौती
नागौर जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में पार्षदों की संख्या बढऩे से स्थानीय विधायकों की चुनौती काफी बढ़ेगी, क्योंकि स्थानीय विधायक को नगर निकाय और विधानसभा चुनाव में काफी समीकरण बदलने होंगे। पार्षदों की संख्या बढने पर मजबूत सत्ता पक्ष व विपक्ष मिलेगा, ऐसे में तालमेल बिठाना काफी चुनौती भरा काम होगा।

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