शोभायात्रा में नजर आई राजस्थानी सांस्कृतिक विशेषताएं
कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती व भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ। क्रीडा स्थल पर खेल ज्योति की मशाल प्रज्वललित कर चक्कर लगाने के साथ इसे यहां पर स्थापित किया। इस मौके पर केन्द्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल के दौरान इसे राष्ट्रीयता की भावना के साथ खेलना चाहिए। विद्या भारती के विद्यार्थी केवल संस्कारित ही नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण होते हैं। देश को खतरा पाकिस्तान या अन्य देशों से ज्यादा देश के अंदर बैठे गद्दारों से है। खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देवेन्द्र झाझडिय़ा के देशप्रेम व उनके खेल की सराहना की। मुख्य वक्ता के तौर विद्याभारती के राष्ट्रीय सह-संगठनमंत्री यतीन्द्र शर्मा ने विद्या भारती के शिक्षण संस्थानों की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्थान ने शिक्षा को बाजारीकरण से मुक्त रखा है।
गांवों में से अस्सी प्रतिशत टिड्डियों को मारने का किया दावा
पदमश्री व पैरा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझडिय़ा ने कहा कि ग्रामीण परिवेश से निकलकर भी मैंने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता। इस बात की खुशी है।
चाहे हम दुनिया में कहीं पर भी जाएं अपनी वेश भूषा,भाषा,संस्कार नहीं छोड़ें। देश के लिए तीन स्वर्ण पदक जीतने के बाद जब मीडिया ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा 50 वर्षों पहले अंग्रेज हमारे देश में यूनियन जैक फहराते थे आज में तिरंगा यहां फहरा रहा हूँ। विदेशी ताकतों ने धनबल से मुझे खरीदना चाहा लेकिन मैं केवल देश के लिए ही खेलता हूँ। इस दौरान विद्या भारती के लाडनू से आए विद्यार्थियों ने योग व नोखा से आए विद्यार्थियों ने घोषावादन प्रस्तुत किया। कार्यक्रमों की शृंखला में विद्यार्थियों ने पिरामिड व स्वास्तिक आकार बनाकर चमत्कृत कर दिया।
नागौर में रेगिस्तानी से आए हरियाली के लुटेरोंका हमला
बाबा रामदेव के घोड़े के प्रतीक में उनके समक्ष जलते दीपक के साथ घूमर व तेरह ताली नृत्य प्रस्तुत किया गया। विद्या भारती के जिलाअध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए साढ़े सात सौ खिलाड़ी एथलेटिक्स की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे।
चुरू १७ एवं १९ वर्षीय एथलीट का बना विजेता
अध्यक्षता अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के संरक्षक एवं समाजसेवी भंवरलाल कुलरिया ने की। अतिथियों में एलआईसी के प्रबंधक विक्रय जोधपुर मंडल , बी .एल . सुथार , खेल परिषद विद्या भारती के अध्यक्ष एम .व्ही . कुट्टी , विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीराम अरावकर, प्रो. भरतराम कुम्हार अतिथियों थे। कार्यक्रम में नृत्यगोपाल मित्तल, हेमंत जोशी, वासुदेव प्रजापति, नंदकिशोर जांगीड़, डॉ पवन परिहार, गंगा विशन डेलू, लीलाधर सोनी, रामकिशोर सारडा, सुमेर सिंह, डॉ हापुराम चौधरी, केवल राम गौड़, रामगोपाल गहलोत, हेमचंद, रामस्वरूप कच्छावा, मुखतेज सिंह भदेशा, जगबीर छाबा, हरिराम धारणिया आदि मौजूद थे।