मुस्लिम समाज में कुरीतियों को खत्म करने के लिए जारी इस पहल में शादी के दौरान डीजे, बैंड, ढोल—ताशे सहित अन्य दिखावटी रस्मों पर फिजूलखर्ची बंद कर दी गई है। इस निर्णय की पालना नहीं होने पर निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय शहरभर की 28 मस्जिदों के इमाम—उलेमा तथा काजियों ने किया है। काजियों ने इस प्रकार की शादियों में निकाह की रस्म अदा नहीं करवाने की स्वीकृति दी है। निकाह वहीं पर पढ़वाया जाएगा, जहां शरीयत के अनुसार निकाह हो रहा है।
क्या है माइनोरिटी फोरम
समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों की एक संयुक्त संस्था माइनोरिटी फोरम का गठन किया गया है। इसमें मौलाना उबैदुल्लाह हैदरी, हाफिज अब्दुल कय्यूम गौरी तथा काजी अता मोहम्म्द को संयोजक, मोहम्मद मेराज उस्मानी को अध्यक्ष, एडवोकेट सैयद दिलशाद इकबाल, अब्दुल वहीद मुल्तानी पूर्व पार्षद, याकूब खान पठान व मोहम्मद जावेद गौरी को उपाध्यक्ष, महासचिव साबिर हुसैन बहलीम सहित 40 अन्य सदस्य मनोनीत किए गए।
डीजे पर बैन का कारण
अधिकांश शादियों में दिखाने के लिए लाखों रूपए फिजूल खर्च किए जाते हैं। घरों में महंगी सजावट के साथ पहले ही दिन से डीजे और ढोल—ताशे बजाते हैं। इससे परिवार पर आर्थिक भार बढ़ता है। उलेमाओं का कहना है कि इस प्रकार का फिजूल खर्च शरीयत के खिलाफ है। निकाह में नाच गाना तथा किसी प्रकार का भी साउंड नहीं होना चाहिए। डीजे साउंड झगड़े का कारण भी बनते हैं।
एडवोकेट पीर मोहम्मद ने बताया कि शादी की तारीख तय होने से निकाह होने तक, राती जोगा, बिंदोली व बारात में बैंड, आतिशबाजी, ढोल—ताशे, साउंड सिस्टम, आर्केस्ट्रा बजाकर नाचगान कराने वाले जोड़े का किसी भी सूरत में निकाह नहीं करवाया जाएगा। यह निर्णय 16 जून से लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गत 15 मई को मस्जिदों की कमेटियों से हुई बैठकों में यह निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 2 से 6 जून तक शहर की 28 मस्जिदों में भ्रमण कर नमाज के दौरान उपस्थित लोगों को विस्तार से बताया गया।
यहां पहले से बंद
जिला मुख्यालय के निकटवर्ती कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां डीजे पर सख्त पाबंदी है। इनमें बासनी, मोहम्मदपुरा, फागली, सारणवास, कुम्हारी, डूकोसी सहित कई अन्य कस्बे शामिल हैं। हुई बैठक
बुधवार देर रात संस्था कह बैठक में ड्योडी की दरगाह में सज्जादानशीन पीर गुलाम शब्बर की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान सज्जादानशीन ने सभी लोगों को डीजे नहीं बजाने के लिए पाबंद किया। उन्होंने बताया कि पांच हजार पैम्पलेट्स छपवाकर मुस्लिम घरों में बांटे जाएंगे।